पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के राज्य नालंदा में 18 और 19 को 16वें वित्त आयोग के सामने रखेंगे अपना पक्ष
कैलाशपति मिश्र,पटना
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के राज्यों के अधिकारी नालंदा में 18-19 जून को 16 वें वित्त आयोग के सामने अपने-अपने राज्यों का पक्ष रखेंगे.इस बैठक की अध्यक्षता 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया करेंगे. बैठक में टर्म ऑफ रेफरेंस(टीओआर) पर राज्यों के साथ चर्चा होगी. इसमें मुख्य रूप से केंद्र और राज्यों के बीच कर हस्तांतरण और राजस्व वृद्धि के उपायों का सुझाव देने के अलावा और आयोग आपदा के तहत गठित निधि से संबंधित आपदा प्रबंधन पहल के वित्तपोषण की वर्तमान व्यवस्था पर राज्य अपना अपना पक्ष रखेंगे. राज्यों से उनकी अपेक्षाएं जानी जायेगी जायेगी. उल्लेखनीय है कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. बिहार में इसकी तैयारी को लेकर विशेषज्ञों से भी विचार-विमर्श की जा रही है. फिलहाल राज्य सरकार वित्त आयोग की टर्म ऑफ रेफरेंस के तहत मांगी जा रही सूचनाएं उपलब्ध करवा रही है.राज्य सरकार ने आयोग को राजस्व संग्रह और ग्रांट के बारे में जानकारी दी है. वहीं,अगले पांच साल के लिए राज्य सरकार का राजस्व संग्रह का प्रोजेक्शन क्या है,इसकी भी जानकारी आयोग को उपलब्ध करवायी गयी है.उल्लेखनीय है कि 16 वां वित्त आयोग एकअप्रैल, 2026 से अगले पांच साल तक की अवधि में केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी और ग्रांट आदि के बारे में अपनी अनुशंसा केंद्र सरकार से करेगा.
मुख्य सचिव ने की वित्त आयोग को देने वाले ज्ञापन की समीक्षाराज्य सरकार ने भी 16 वें वित्त आयोग देने वाले मेमोरंडम की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी मॉनीटरिंग खुद मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा कर रहे हैं. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के राज्यों के साथ होने वाली वित्त आयोग की बैठक की तैयारी को लेकर मुख्य सचिव ने सोमवार को सभी विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. वित्त आयोग से संबंधित तैयारी को लेकर वित्त विभाग में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है. इसके नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम लगातार काम कर रही है.
नालंदा में ही वित्त आयोग की बैठक क्योंराजधानी पटना से हटकर नांलदा में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के राज्यों के साथ वित्त आयोग की बैठक को लेकर एक बड़ा सवाल यह है कि नालंदा में बैठक क्यों. दरअसल, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो डॉ अरविंद पनगढ़िया 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष के साथ-साथ नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं. इसलिए नांलदा का चयन वित्त आयोग की बैठक के लिए किया गया है.
15वें वित्त आयोग की कई अनुशंसा पर बिहार सरकार ने जतायी थी अपनी आपत्तिपूर्व नौकरशाह व पूर्व राज्यसभा सांसद एनके सिंह की अध्यक्षता वाले 15वें वित्त आयोग की कई सिफारिशों पर बिहार सरकार ने अपनी आपत्ति जतायी थी. इसमें मुख्य रूप से आयोग द्वारा 2011 की जनगणना को ध्यान में रखते हुए राज्यों के बीच संसाधनों का आवंटन किये जाने की अनुशंसा पर राज्य सरकार की मांग थी कि आयोग को नवीनतम जनसंख्या के आंकड़ों का प्रयोग किया जाना चाहिए. तर्क यह दिया गया था कि जनगणना आधार के बदलाव के कारण सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना राज्य सरकार को करना पड़ता है.वहीं ,डिफिशिट ग्रांट पर राज्य सरकार ने सवाल उठाते हुए बेहतर वित्तीय अनुशासन के लिए अगल से राशि का प्रावधान करने की मांग की गयी थी. वहीं, वन क्षेत्र के बदले कुल हरियाली को पैमाना बनाने की मांग की गयी थी.
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