मोहनिया शहर. भले ही माॅनसून अभी दस्तक नहीं दिया है, लेकिन कुछ ही दिन में माॅनसून आने वाला हैं. शहरवासी चिंतित है कि अगर नाले की सफाई ठीक तरीके से नहीं हुई तो घंटों शहर का पानी नहीं निकलेगा, इसका सबसे बुरा असर शहर के निचले इलाकों में पड़ेगा. इसमें शहर के चांदनी चौक से लेकर स्टेशन रोड, बस स्टैंड व अनुमंडलीय अस्पताल, एसडीओ आवास के पास के लोगों को सबसे अधिक परेशानी होगी. जबकि, शहर के अन्य मुहल्ला पूरी तरह से जलमग्न हो जायेगा. इनमें शहर के नामचीन व्यापारिक स्थल चांदनी चौक के पास स्टूवरगंज की सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है, जिससे घंटों दुकानदारी प्रभावित होती है. जबकि नगर पंचायत का दावा है कि शहर के नाले की सफाई करायी जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि सफाई किसी भी स्तर पर संतोषजनक नहीं है, क्योंकि मैनुअल सफाई में सिर्फ कर्मचारी नाले की ऊपरी सतह पर जमा प्लास्टिक कचरा ही निकाल रहे है, जबकि नाले में तीन फुट तक जमा गाद नहीं निकाली जाता है. हालांकि, सफाई कर्मचारियों का कहना है लोग नाले पर अतिक्रमण कर रखे हैं, ऐसे में सफाई करने में उन्हें परेशानी होती है. साथ ही कर्मियों ने बताया कि हमेशा सफाई करते है, लोग कूड़ा नाला में ही डालते हैं. इससे जाम हो जाता है. गौरतलब है कि मोहनिया नगर पंचायत का गठन हुए 11 वर्ष से अधिक हो गये है. लेकिन, अब तक शहर के पानी निकासी का कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गयी है. आज तक रेड क्राॅस के समीप एनएच दो के सर्विस सड़क का नाला नहीं बना, आखिर कैसे बरसात का पानी निकलेगा. इसके साथ ही चांदनी चौक के पास सर्विस सड़क के किनारे खुले नाला के कारण पूरा नाला गंदगी से भरा हुआ है. तस्वीर ही बाया कर रही है कि बरसात को लेकर नगर पंचायत कितना गंभीर है और नाले की सफाई आखिर किस स्तर तक कराया जाता है कि हर बरसात के मौसम में सरकारी कार्यालयों से लेकर घरों में पानी घुसता है. #नाला सफाई के नाम पर किया जाता हैं कोरम पूरा शहरवासियों की समस्याओं को लेकर नगर पंचायत गंभीर नहीं है, शहर के निचले इलाकों के बरसाती पानी की निकासी का मुख्य स्रोत शहर के मुख्य नाला ही है, जो कूड़ा से भरा हुआ है. लेकिन अच्छी तरह से सफाई नहीं होने से जाम है, जबकि कुछ लोगों ने तो उस अवैध तरीके से उसे पूरी तरह से ढक दिया है. सड़क के किनारे बने नाले पर दुकानदार अपना दुकान की सीढ़ी बना कर अतिक्रमण कर लिए है, जिससे कई जगहों पर मुख्य नाला जाम है, जबकि कई जगहों पर नाला की सफाई कई वर्षों नहीं हुई है. कुछ जगहों पर सफाई जो हुई है उसे एक खानापूर्ति ही कहा जा सकता है. नियम के अनुसार सभी नाला को दक्कन हटा कर विधिवत सफाई करनी होती है, लेकिन कई जगह नाला पर अपनाी सीढ़ी बना कर अतिक्रमण किये है, जिससे नाला की सफाई तक नहीं हो पाती है. लोग बरसात में जलजमाव की परेशानी झेलते हैं. #क्या कहते हैं इओ # इस संबंध में नगर पंचायत के इओ सुधांशु कुमार ने बताया बरसात के मौसम को देखते हुए शहर के नाला की सफाई वार्ड वाइज एक-दो दिन में सफाई शुरू करायी जायेगी.
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