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आशा नवदंपतियों को घर-घर जाकर देंगी नयी पहल किट

जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर समय समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है

बक्सर. जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर समय समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है. ताकि, परिवार नियोजन के संबंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें नियोजन के साधनों के इस्तेमाल के प्रति प्रेरित किया जा सके. इस क्रम में गत दिनों जिले के नवदम्पतियों के बीच नई पहल किट का वितरण किया जा रहा है. ताकि, नव दंप्तियों को परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के प्रति जागरूक किया जा सके. राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम मिशन के तहत परिवार नियोजन की सामग्री से युक्त इस किट में स्त्री-पुरुष के लिए प्रसाधन सामग्री के साथ ही परिवार नियोजन की सामग्रियों को शामिल किया गया है. सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य के लिए स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना के तहत एक पहल है. जिसमें नवविवाहित दंपतियों को घर–घर जाकर नई पहल किट (शगुन किट) देने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को दी गयी है. विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत यह पहल की है। इस किट में स्त्री, पुरुष के लिए प्रसाधन की सामग्री के साथ ही परिवार नियोजन की सामग्री भी रखी गई है. कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ताएं अपने क्षेत्र में घूम-घूमकर नवविवाहित जोड़ों का पता लगायेंगी और उन्हें किट उपलब्ध करायेंगी. साथ ही, वो उन नव दंपतियों को परिवार नियोजन के संबंध में पूरी जानकारी भी देंगी. नयी पहल कीट में अस्थाई साधनों के साथ दिया जायेगा पत्र : डीसीएम हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि उक्त कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है। जिसके तहत जिले में कुल 2135 किट का वितरण किया जायेगा. परिवार कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाले किट में एक बधाई पत्र, जूट का बैग, विवाह पंजीकरण फॉर्म, एक पंपलेट, कंडोम किट, गर्भ निरोधक गोलियां, तौलिया, परफ्यूम, आईना, कंघी, रुमाल, जानकारी कार्ड, आशा कार्यकर्ता व एएनएम के मोबाइल नंबर, गर्भ जांच कीट एवं इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स रखा गया है. उन्होंने बताया कि किट में स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक पत्र भी है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदे के बारे में बताया गया है. पत्र का उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए सचेत करना है. वहीं, इसके साथ-साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. आशा कार्यकर्ताएं शगुन के रूप में देंगी नई पहल किट : सदर प्रखंड के बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि पड़ोस की आशा कार्यकर्ताएं अपने क्षेत्र के विवाहित जोड़ों को शगुन के रूप में नई पहल किट देगी. साथ ही, आशा नवविवाहितों को कीट में उपलब्ध परिवार नियोजन के साधनों के विषय में जानकारी भी प्रदान कर करेंगी. इसके लिए सदर प्रखंड समेत सभी प्रखंडों का उन्मुखीकरण किया जा चुका है. ताकि, वो क्षेत्र में जाकर नव दंपतियों को प्रेरित कर सकें. उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को कीट में मौजूद साधनों के इस्तेमाल के विषय में बताया गया है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आशाएं नवविवाहित जोड़ों को परिवार नियोजन साधनों के विषय में सटीक जानकारी उपलब्ध करा पाएं. परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के फायदे : – मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी – प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव – अनचाहे गर्भ से मुक्ति – एचआईवी-एड्स संक्रमण से बचाव – किशोरावस्था गर्भधारण में कमी – जनसंख्या स्थिरीकरण में सहायक

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