नियुक्ति घोटाला : अदालत में पेश की गयी रिपोर्ट में इडी का दावा कोलकाता. राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के भ्रष्टाचार व शिक्षक नियुक्ति घोटाले में बिचौलिये की भूमिका निभाने के आरोप में प्रसन्न राय को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गिरफ्तार किया है. इससे पहले, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने राय को गिरफ्तार किया था. बाद में सीबीआइ के एक मामले में राय को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी. इसके बाद वह इडी की गिरफ्त में आया. एसएससी के जरिये स्कूलों में हुईं नियुक्तियों के घोटाले को लेकर शुक्रवार को बैंकशाल कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां इडी ने एक रिपोर्ट सौंपी. सूत्रों के अनुसार, उक्त रिपोर्ट में इडी की ओर से आरोप लगाया गया है कि राय और उससे जुड़े संस्थानों के बैंक खातों में छह वर्षों में करीब 72 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित हुई थी. आशंका जतायी गयी है कि यह राशि नियुक्ति घोटाले से जुटायी रकम का हिस्सा हो सकता है और इसकी तफ्तीश जारी है. हालांकि, राय के अधिवक्ता अनिर्बाण गुहा ठाकुरता का दावा है कि यह राय के बैंक खातों में स्थानांतरित हुई रकम उनके व्यवसाय से जुड़े हैं और इसका नियुक्ति घोटाले से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि यदि केंद्रीय जांच एजेंसी को आशंका है कि उनके मुवक्किल के बैंक खातों में स्थानांतरित की गयी राशि घोटाले से जुड़ी है, तो यह तथ्य पेश किये जायें कि यह राशि किससे-किससे ली गयी है. गौरतलब है कि इसये पहले इडी की ओर से अदालत में आरोप लगाया गया था नियुक्ति घोटाले के आरोपी राय ने नौकरी के अभ्यर्थियों से करीब 100 करोड़ रुपये की राशि जुटायी थी. प्रसन्न राय पर आरोप है कि उसने ही घोटाले में शामिल शिक्षा विभाग से जुड़े आरोपियों और अभ्यर्थियों के बीच ‘मध्यस्थता’ की भूमिका निभायी थी. उसपर यह भी आरोप है कि उसने 90 शेल कंपनियों के जरिये घोटाले की रकम अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित की.
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