बोकारो. बोकारो जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) जगरनाथ लोहरा ने शुक्रवार को शिक्षकों के साथ समाहरणालय के सभागार में समीक्षा बैठक की. उक्त बैठक में वेतन स्थगित किये हुए 61 स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षक शामिल हुए. डीइओ श्री लोहरा ने सभी शिक्षकों को टास्क देते हुए कहा कि बोकारो के सरकारी स्कूलों को शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल करना प्राथमिकता है. शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करेंगे तो नौनिहालों का भविष्य उज्जवल रहेगा. डीइओ ने कहा कि सभी शिक्षकों का वेतन रिलीज कर दिया जायेगा, लेकिन बच्चों की पढ़ाई में सुधार दिखना चाहिए. तब तक वेतन स्थगित ही रहेगा. वहीं, शिक्षको ने भी शिक्षा की बेहतरी के लिए सदैव सहयोग करने की बात कही. मगर वेतन स्थगित रहने की बात पर शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की. शिक्षकों ने कहा कि वेतन रुकने से घर-परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो जायेगा. बच्चे बहार पढ़ाई कर रहे उन्हें पैसा भेजना है. इएमआइ भरना है, बीमारी का इलाज कराना है. अगर वेतन नहीं मिलेगा तो बहुत परेशानी बढ़ जायेगी.
जैक 10वीं बोर्ड के खराब रिजल्ट पर डीसी ने लिया था एक्शन
बताते चले कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की 10वीं बोर्ड की परीक्षा के 19 अप्रैल को जारी रिजल्ट में बोकारो जिले का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरुप नहीं रहा था. पिछले साल के मुकाबले परीक्षा परिणाम में लगभग सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी. जहां पिछले साल कुल 95.48 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में सफल हुए थे, वहीं इस साल आंकड़ा गिर कर 88.03 प्रतिशत हो गया. 10वीं बोर्ड परीक्षा में बोकारो जिले के 61 स्कूलों का परीक्षा परिणाम जिला के औसत से बहुत कम है. इसको लेकर बोकारो डीसी ने 61 स्कूलों के प्राचार्यों को शोकॉज किया था. साथ ही उक्त स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षकों का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया था.
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