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Purnia news : नेता का तो साथ मिला, पर संगठन ने दिया धोखा : बीमा भारती

Purnia news : हार का गम नहीं, गम इस बात का है कि उन्हें आशा के विपरीत कम वोट हासिल हुए.

Purnia news : ‘मैं हारी नहीं, जानबूझकर हरायी गयी. पार्टी के नेता का साथ तो मिला, पर संगठन ने उनके साथ धोखा दिया. चुनावी जंग में मैं अकेले पड़ गयी थी. सभी नेता-कार्यकर्ता रण छोड़ भाग निकले’. यह कहना है बीमा भारती का. चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार पूर्णिया लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी बीमा भारती का दर्द छलक कर सामने आया. कहा- जिस विश्वास और समीकरण के तहत हमारे नेता तेजस्वी जी ने उन्हें टिकट दिया, अगर सरजमीन पर राजद-कांग्रेस का साथ मिला होता, तो शायद चुनाव का परिदृश्य कुछ और होता. प्रभात खबर से खास बात करते हुए बीमा ने कहा कि उन्हें हार का गम नहीं, गम इस बात का है कि उन्हें आशा के विपरीत कम वोट हासिल हुए. यह सोच-सोचकर कभी-कभी असहज हो जाती हूं.

कभी इतना कम वोट नहीं आया

मैं पांच टर्म विधायक रह चुकी हूं. कभी इतना कम वोट नहीं आया. चुनाव नतीजा आने से पहले ही हार का अंदेशा तो था, पर यह अनुमान नहीं था कि मैं जीरो पर आउट हो जाऊंगी. इसके लिए जिम्मेवार और कोई नहीं गठबंधन के घटक दलों का संगठन जिम्मेवार है. पूरे चुनाव में किसी ने साथ नहीं दिया. मैं किसी का नाम लेना नहीं चाहती हूं, पर यह सच है कि राजद के कुछ नेता जहां अंदर से पप्पू के साथ थे, तो कांग्रेस के नेता संतोष कुशवाहा का साथ दे रहे थे. नतीजा सामने है. एक-एक बूथ का हिसाब है. किस बूथ पर उन्हें कितना वोट मिला है. वोट देखने से लगता है कि किसी ने भूलवश राजद को वोट किया है. जबकि उसी बूथ पर पप्पू यादव और संतोष कुशवाहा को थोक में वोट मिले हैं. जिले में राजद-कांग्रेस का जितना बड़ा संगठन है, अगर उनका भी साथ मिला होता, तो यह आंकड़ा कम-से-कम एक-से डेढ़ लाख तक पहुंच जाता.

रूपौली में इतना कम वोट क्यों आया ?

इस सवाल के जवाब में बीमा कहती हैं -‘जैसा कि सभी को पता है कि मेरे पति और बेटा जेल में थे. मैं अपनी बेटी के साथ चुनाव प्रचार में थी.रूपौली की जनता उनके साथ थी. चूंकि वह हाल ही में जदयू से राजद में शामिल हुई थीं. सभी को पहले से उनका चुनाव चिह्न तीर छाप पता था. लोगों को वह समझाने में कामयाब नहीं हो पायीं कि उनका चुनाव चिह्न लालटेन हो गया है. यह बात तब सामने आयी, जब चुनाव के दिन गांव की महिलाओं ने वोट देकर उनसे कहा कि- उन्हें ही वोट दिया है. जब छाप पूछा तो कहा- तीर पर. अगर इस जगह पर संगठन के कार्यकर्ता मुस्तैद होते, तो यह भ्रम नहीं होता.

अति पिछड़ा वोटर ने क्यों नहीं दिया साथ ?

बीमा ने कहा कि जब चुनाव के अंतिम क्षण तक लोगों ने देख लिया कि यादव और मुसलमान पप्पू यादव के साथ हो लिये, तब अतिपिछड़ा वोटरों के पास कोई विकल्प नहीं बचा. अंतिम क्षण में वे तीर की ओर चले गये. राजद के स्थानीय नेता ने यादव और मुसलमानों को रोकने के लिए कोई पहल नहीं की. सिर्फ मूकदर्शक बने हुए थे.

हमारे नेता तेजस्वी पर अंगुली उठाना बेईमानी

बीमा का कहना है कि लालू प्रसाद उनके अभिभावक हैं. उनके नेता तेजस्वी यादव ने उनका जिस तरह से साथ दिया है, उसे इस जनम में वह भूल नहीं सकती हैं. उन्होंने अपनी बहन से ज्यादा सम्मान और सहयोग किया. उनके लिये यही काफी है. राजनीति में हार-जीत तो लगी रहती है. मुझे अपने नेता पर पूरा भरोसा और विश्वास है.

नेता के समक्ष करूंगी सभी का पर्दाफाश

बीमा भारती ने कहा कि चुनाव के दौरान उनके साथ जो कुछ हुआ है, उसके बारे में वह विस्तार से अपनी बात अपने नेता के समक्ष रखेंगी. यहां के एक-एक नेता का काला चिट्ठा खोलूंगी. उन्होंने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से जिले के तमाम संगठन को भंग कर नये सिरे से कमेटी बनाने की भी मांग की है, ताकि अगले विधानसभा चुनाव में मजबूती से चुनाव लड़सकें. उन्होंने साफ किया कि इस संगठन के बलबूते चुनाव की वैतरणी पार करना मुश्किल है.

किस आधार पर जिले के नेता जाएंगे टिकट मांगने

बीमा भारती का कहना है कि जिस नेता के बूथ पर राजद को इक्का -दुक्का वोट मिला है, वह किस मुंह से पार्टी सुप्रीमो से विधानसभा का टिकट मांगने जाएंगे. क्या वह जब लड़ेंगे, तब भी उन्हें इतना ही वोट मिलेगा ? उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को यहां की सारी जानकारी मिल गयी है. जल्द ही इसकी समीक्षा की जायेगी.

आपका अगला कदम क्या होगा ?

बीमा भारती ने कहा कि अभी रूपौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होनेवाला है. शीघ्र ही इसकी अधिसूचना जारी होगी. पार्टी नेतृत्व का जो भी आदेश होगा, उन्हें स्वीकार है. अभी से कुछ कहा नहीं जा सकता है.

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