पिपरवार. पुनर्वास गांव चिरैयाटांड़ में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. यहां पेयजल की घोर किल्लत है. प्यास बुझाने के लिए लोग पानी खरीद कर पीने को विवश हैं. यह स्थिति गांव के सभी कुएं व हैंडपंप के सूख जाने की वजह से उत्पन्न हुई है. स्थिति यह है कि लोगों को पानी के लिए भरी दोपहरिया में भी भटकना पड़ रहा है. जलमीनार पर भीड़ का बोझ महिलाओं के बीच रोज झगड़े का कारण बन रहा है. ऐसे में दामोदर नद लोगों का सहारा बना हुआ है. शौच, नहाने व कपड़े धोने का काम लोग आधा किमी दूर दामोदर नद में करते हैं. इस संबंध में समाजसेवी शिवनाथ महतो ने बताया कि सीएचपी प्रबंधन को गरही-सीएचपी पाइप लाइन से अब ज्यादा मतलब नहीं रह गया है. इसलिए प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसकी वजह से पाइप लाइन से नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इससे चिरैयाटांड, किचटो व जिबनातरी ग्रामीण भी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. उन्होंने सीएचपी पीओ से गांवों में जलमीनार की संख्या बढ़ाने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है