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कचरे में दफन हो रही 50 लाख की ट्राॅमेल मशीन, गायब हो रहे पार्ट्स

जमशेदपुर अक्षेस ने राजस्थान के जयपुर से जैम पोर्टल से 50 लाख रुपये में साल 2022 में ट्राॅमेल मशीन खरीदी, लेकिन खरीदारी के बाद से ही मशीन चली नहीं. अब ट्राॅमेल मशीन खुद कचरे के ढेर में दफन हो रही है.

अशोक झा , जमशेदपुर .

सोनारी के मरीन ड्राइव डंपिंग यार्ड में लगी 50 लाख की ट्राॅमेल मशीन कचरे की ढेर में दब कर दफन हो रही है. मशीन में लगे पार्ट्स अब धीरे- धीरे बेकार होते जा रहे हैं. इसकी देखरेख से जुड़े लोगों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं रही. वर्ष 2022 में जमशेदपुर अक्षेस ने राजस्थान के जयपुर से जैम पोर्टल से 50 लाख रुपये में ट्राॅमेल मशीन की खरीदारी की थी. तब उद्देश्य था सोनारी मरीन ड्राइव के डंपिंग यार्ड में पड़े कचरे का निस्तारण करना. लेकिन खरीदारी के बाद से ही मशीन नहीं चली. पूर्व में प्रभात खबर ने मशीन के बंद होने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इसके बाद जमशेदपुर अक्षेस के अधिकारियों ने मशीन दुरुस्त कराने की पहल की, लेकिन बाद में उदासीनता बरती गयी. नतीजा यह हुआ कि गारंटी अवधि में भी मशीन नहीं चली.इस बारे में जमशेदपुर अक्षेस के सहायक अभियंता संजय कुमार का कहना है कि इसकी पूरी जानकारी लेकर ही वे कुछ बता पायेंगे.

10 टन प्रतिदिन कचरा निष्पादन का था दावा

जब मशीन की खरीदारी की गयी थी तब दावा किया गया था कि 10 टन प्रतिदिन कचरा निष्पादन की इसके क्षमता है. दावे के अनुसार, मशीन पुराने कचरे से प्लास्टिक कपड़े एवं मेटल इत्यादि को अलग कर देगी. जैव विखंडनीय कचरे से बनी खाद को भी मशीन अलग कर देगी. अलग किये गये प्लास्टिक को मशीन की सहायता से कम्प्रेस व पैकिंग कर रोड निर्माण या सीमेंट प्लांट में उपयोग किये जाने की योजना थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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