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जिलाधिकारी ने किया निर्माणाधीन योजनाओं का निरीक्षण, दिये कई निर्देश

जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के द्वारा वारिसनगर प्रखंड के नागरबस्ती व समस्तीपुर प्रखंड के हकीमाबाद के बीच राजघाट में बूढ़ी गंडक नदी पर 9 मीटर चौड़े और 35.17 मीटर लंबे बन रहे आरसीसी पुल का निरीक्षण किया गया.

समस्तीपुर : जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के द्वारा वारिसनगर प्रखंड के नागरबस्ती व समस्तीपुर प्रखंड के हकीमाबाद के बीच राजघाट में बूढ़ी गंडक नदी पर 9 मीटर चौड़े और 35.17 मीटर लंबे बन रहे आरसीसी पुल का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में वेल फाउंडेशन का कार्य होते हुए पाया गया. इस निर्माणाधीन पुल के वेल फाउंडेशन का कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है. जिलाधिकारी के द्वारा नदी के मध्य भाग में बनने वाले वेल फाउंडेशन को वर्षा के मौसम से पहले पूर्ण करने का निर्देश दिया गया ताकि बाढ़ के समय भी इस अवसंरचना को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. निरीक्षण के समय परियोजना अभियंता, पूल निर्माण निगम दरभंगा उपस्थित थे. इसके बाद जिला पदाधिकारी के द्वारा पथ निर्माण प्रमंडल समस्तीपुर अंतर्गत विशनपुर चौक से कोनैला दलसिंहसराय तक निर्माणाधीन पथ का निरीक्षण किया गया. इस पथ में विशनपुर चौक से आगे कार्य होता हुआ पाया गया. उपस्थित कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण प्रमंडल समस्तीपुर रामसकल सिंह के द्वारा आश्वासन दिया गया को 30 जून तक इस पथ का संपूर्ण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा. अपने निरीक्षण के अगले क्रम में एस एच 88 ( वरुणा पुल से रसियारी पथ) में दलसिंहसराय व नजिरगंज रेलवे स्टेशन के बीच निर्माणाधीन आरओबी को जिलाधिकारी के द्वारा देखा गया. इस आरओबी में रेलवे ट्रैक के ऊपर स्टील गर्डर लॉन्च कर दिया गया है. इस आरओबी को पूर्ण करने की निर्धारित तिथि 31 जुलाई है. बताते चलें कि बेबो आर्क तकनीक से बन रहा यह बिहार का पहला आरओबी है. इस पुल के निर्माण से बाजार में लगने वाली भीड़ की समस्या से निजात मिलने के साथ ही बायपास का भी लाभ भी सभी को मिलेगा. जिलाधिकारी के द्वारा उपस्थित महाप्रबंधक, बिहार राज्य पथ विकास निगम राजकुमार को निर्देश दिया गया कि हर हाल में निर्धारित तिथि तक आरओबी का निर्माण कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें. निरीक्षण के समय परियोजना निदेशक, अनुमंडल पदाधिकारी दलसिंहसराय प्रियंका कुमारी और कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग समस्तीपुर और रोसड़ा उपस्थित थे. योजनाओं के निरीक्षण को जारी रखते हुए जिला पदाधिकारी के द्वारा सरायरंजन प्रखंड के रूपौली बुजुर्ग में मत्स्य विभाग के द्वारा अनुदानित बायो फ्लॉक टैंक (7 टैंक) का अवलोकन किया गया. निरीक्षण के दौरान पाया गया की कि एक बायो फ्लॉक टैंक में मत्स्य पालन किया जा रहा था. उपस्थित लाभार्थी के द्वारा बताया गया कि एक सप्ताह के अंदर मत्स्य पालन शुरू कर दिया जायेगा. इस योजना की लाभार्थी पुष्पा देवी पति को मत्स्य विभाग के द्वारा इस निर्माण हेतु 3.60 लाख (इकाई लागत का 60 प्रतिशत) के अनुदान का भुगतान किया गया है. मत्स्यपालन हेतु तृतीय किश्त 90000 रुपये का भुगतान किया जाना है. विदित हो कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मत्स्य पालन के लिए सात बायो फ्लॉक टैंक का निर्माण कराया जाता है, जिसकी इकाई लागत 7.50 लाख रुपए है। 6 लाख रुपए बायो फ्लॉक टैंक,शेड निर्माण एवम अन्य आवश्यक सामग्री तथा 1.50 मत्स्य पालन के लिए निर्धारित है. इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. इस योजना के तहत महिला एवम अनुसूचित जाति के लिए 60 प्रतिशत तथा अन्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. डीएम द्वारा पूरक आहार (मछली का दाना) का प्रयोग कर मत्स्य पालकों को अपनी आमदनी बढ़ाने की सलाह दी गई.

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