मुंगेर. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में लगने वाले एएनसी जांच शिविर में चिकित्सक की देखरेख में गर्भवती महिलाओं का प्रसव के दौरान चार बार प्रसव पूर्व जांच करायें. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें. उक्त बातें शनिवार को फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल सभागार में आयोजित जिला स्तरीय प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक और आशा फैसिलिटेटर की समीक्षा बैठक सह कार्यशाला के दौरान सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने कही. उन्होंने बताया कि एक किसी भी गर्भवती महिला का स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में एंटी नेटल चेकअप (एएनसी) जांच करवाना अति आवश्यक है. क्योंकि इसी के आधार पर गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) का पता चलता है. साथ ही इसी के अनुसार विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव के दौरान उक्त गर्भवती महिला का विशेष सावधानी का ख्याल रखते हुए संस्थागत प्रसव कराया जाता है. उन्होंने बताया कि ऐसा मानना है कि चारों एएनसी जांच करवाने वाली महिलाओं की कुल संख्या में से करीब 10 % गर्भवती महिलाओं में हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) की आशंका रहती है. जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) निखिल राज ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान जिला परिवार नियोजन कि स्थिति अच्छी नहीं रही है. इसलिए 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले परिवार नियोजन पखवारा के दौरान लक्ष्य के अनुरूप परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी करवाने के लिए अभी से तैयारी शुरू करें. जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) सुजीत कुमार ने सभी आशा फैसिलिटेटर से अधिक से अधिक संख्या में सदर अस्पताल परिसर में स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को भर्ती करवाने की बात कही. मौके पर डीपीएम मो फैजान आलम अशरफी, डीडीए सुशील कुमार, डीएमएंडई शशि कुमार आदि मौजूद थे.
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