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बदल रही बीएसएल के बंद 42 स्कूलों की तस्वीर व तकदीर

किसी स्कूल में प्रशिक्षण केंद्र खुला तो किसी में चल रहा स्कील डेवलपमेंट सेंटर

सुनील तिवारी, बाेकारो.

बोकारो स्टील प्रबंधन की ओर टाउनशिप में संचालित स्कूलों की तकदीर-तसवीर बदल रही है. बीएसएल के खुले स्कूलों की तकदीर बदल चुकी है. उधर, बंद स्कूलों की तसवीर भी एक-एक कर बदल रही है. बीएसएल की ओर से संचालित नौ स्कूलों के संचालन का जिम्मा दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसाइटी को दे दिया गया है. बीएसएल के बंद पड़े स्कूल बिल्डिंग का उपयोग करने की योजना बन रही है. बंद स्कूलों को उच्च शिक्षण संस्थानों को देने पर विचार हो रहा है. इधर, बंद पड़े किसी स्कूल में प्रशिक्षण केंद्र खुल गया है तो किसी में अस्पताल खुला है. कहीं शॉर्ट टर्म स्कील डेवलपमेंट सेंटर चल रहा तो कहीं स्वावलंबन केंद्र का संचालन हो रहा है. मतलब, बीएसएल के स्कूलों की पहचान बदल रही है.

बीएसएल कर्मियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से खुले थे 42 स्कूल :

बोकारो स्टील प्लांट के स्थापना काल के दौरान बीएसएल कर्मियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रबंधन की ओर से मूल रूप से 42 स्कूल स्थापित किये गये थे. समय के साथ, जैसे-जैसे बीएसएल कर्मियों और उनके बच्चों की संख्या में धीरे-धीरे गिरावट आयी. कई स्कूलों का विलय कर दिया गया. कुछ दिन पहले तक संख्या घट कर नौ हो गयी. बीएसएल एलएच सहित विभिन्न सेक्टरों में बंद पड़े स्कूल भवन न केवल खंडहर होते जा रहे हैं, बल्कि असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गये हैं. कई स्कूलों की खिड़की दरवाजे सहित अन्य सामानों की चोरी हो चुकी है. कुछ स्कूल आवारा मवेशियों का डेरा बन चुके हैं. कई की बिल्डिंग गिर रही है.

जैसे-जैसे कर्मियों की संख्या कम होती गयी, वैसे-वैसे बंद होते गये स्कूल :

बीएसएल के स्थापना काल में कंपनी के कर्मचारियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से टाउनशिप के विभिन्न सेक्टरों में मिडिल व हाई स्कूल खोला गया था. तब आज की तरह निजी स्कूलों की संख्या नहीं के बराबर थी. लेकिन जैसे-जैसे प्लांट में कर्मियों की संख्या कम होती गयी, वैसे-वैसे बीएसएल के स्कूल बंद होते गये. वहीं, दूसरी ओर टाउनशिप में दर्जनों निजी विद्यालय खुलते गये. तब बीएसएल कर्मियों की करीब 55 हजार थी. बीएसएल के 42 स्कूलों में बच्चों की संख्या करीब 25 हजार थी. अब लगभग 10 हजार कर्मी और बीएसएल संचालित नौ स्कूलों में करीब 3500 विद्यार्थी थे. बच्चों के साथ-साथ टीचरों और प्रिंसिपल की घटती संख्या का भी स्कूलों के बंद होने का एक अहम् कारण रहा.

डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल…कम फीस में बच्चों को उच्च क्वालिटी शिक्षा :

सेल-बीएसएल व दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसाइटी के बीच संचालित नौ स्कूल के संचालन को लेकर एमओयू हो गया है. बीएसएल की ओर से संचालित स्कूलों के नाम अब डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल कर दिये गये हैं. इन स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. नयी व्यवस्था में जहां बच्चों को उच्च क्वालिटी शिक्षा मुहैया करायी जायेगी, वहीं अन्य निजी स्कूलों की तुलना में फीस काफी कम होगी. स्कूलों के परिचालन का वित्तीय भार पूर्णतः बीएसएल द्वारा वहन किया जायेगा, जबकि इसके संचालन की जिम्मेवारी डीएवी की रहेगी. स्कूलों की मरम्मत, रंगाई-पुताई व नवीकरण का कार्य पूरा हो गया है. स्कूलों में नर्सरी से लेकर क्लास 12 तक की शिक्षा दी जायेगी. नामांकन के लिए फार्म भरा गया है.

बीएसएल की ओर से एक-एक कर बंद पड़े स्कूल भवनों का उपयोग :

बोकारो टाउनशिप में बीएसएल द्वारा संचालित स्कूल धीरे-धीरे बंद होते चले गये. पिछले एक दशक में टाउनशिप के हर सेक्टर में स्कूल बंद हुए. बीएसएल के बंद पड़े आधा दर्जन से अधिक स्कूल भवन का उपयोग दूसरे कार्यों में पहले से ही हो रहा है. बीएसएल की ओर से कभी विभिन्न सेक्टरों में 42 स्कूलों का संचालन किया जाता था. फिलहाल, नौ स्कूलों का संचालन ही बीएसएल की ओर से किया जा रहा था, जिसका संचालन का जिम्मा भी अब डीएवी को दे दिया गया है. मतलब 33 स्कूल बंद हो गये हैं. उधर, कुछ बंद पड़े स्कूल भवन खंडहर में तब्दील हो रहे हैं. अब बीएसएल की ओर से एक-एक कर बंद पड़े स्कूल भवनों का उपयोग हो रहा है.

किसी सेक्टर में एक तो किसी सेक्टर में चार स्कूल धीरे-धीरे हो गये बंद :

बीएसएल में जब लगभग 60 हजार कर्मचारी थे, तब प्रबंधन 42 स्कूल संचालित करता था. उस समय स्कूलों में बच्चों की संख्या लगभग 26 हजार थी. आज कर्मचारियों की संख्या लगभग 10 हजार है. स्कूलों की संख्या नौ है. इनमें आठ सीबीएसइ व एक जैक बोर्ड के अंतर्गत संचालित है. इन स्कूलों में बच्चों की संख्या लगभग साढ़े तीन हजार है. बोकारो एलएच एरिया में दो, सेक्टर 1 में तीन, सेक्टर 2 में तीन, सेक्टर 3 में तीन, सेक्टर 4 में दो, सेक्टर 6 में चार, सेक्टर 8 में छह:, सेक्टर 9 में चार, सेक्टर 11 में एक और सेक्टर 12 में दो स्कूल बंद हुये है. बंद पड़े स्कूल भवन का उपयोग बीएसएल प्रबंधन दूसरे कार्यों में उपयोग कर रहा है. इसकी शुरुआत लगभग आधा दर्जन से अधिक स्कूलों से हो चुकी है.

बंद पड़े स्कूल बिल्डिंग में कहीं सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र तो कहीं स्वावलंबन केंद्र :

बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर-06 में वेदांता केयर्स फील्ड हॉस्पिटल खुल गया है. यहां सामान्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज होता है. बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर-04-A में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वावलंबन केंद्र का संचालन किया जा रहा है. संचालन महिला समिति बोकारो करती है. बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर-01-C में शॉर्ट टर्म स्किल डेवलपमेंट सेंटर ‘बोकारो दीक्षा’ खुला है. यहां ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार उन्मुख अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर-02-D दिसंबर में हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग सेंटर खुला है. यहां ग्रामीण महिला-पुरुषों को जलकुंभी से हस्तशिल्प बनाने के साथ-साथ हैंडीक्रॉफ्ट से जुड़े अन्य प्रशिक्षण मिल रहा है. मध्य विद्यालय सेक्टर-02-C में ठेका कर्मियों का सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र खुला है. यहां ठेका मजदूरों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाता है.

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