बरही, प्रतिनिधि
बरही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाओं का आभाव है. वर्ष 2015 में बरही स्टेशन का उदघाटन हुआ था. इतने वर्षों में भी बरही स्टेशन को बेहतर बनाने और यात्री सुविधा बहाल करने की दिशा में कोई काम नहीं किया गया. मेन गेट और प्लेटफॉर्म पर पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं है. रात होने पर चहुंओर अंधेरा ही रहता है. इससे यात्रियों को असुविधा होती है. एक जगह भी हाइमास्ट लाइट नहीं लगायी गयी है. स्टेशन रोड में अंधेरा रहता है. अधिकांश पोल के बल्ब फ्यूज हो गए हैं, जिसे बदला नहीं जा रहा है. किसी भी प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के बैठने के लिए सही व्यवस्था नहीं है. केवल दो चबूतरे बने हैं. प्लेटफॉर्म पर मात्र दो पंखे लगे हैं. वेटिंग हॉल तो बनाया गया है, पर इसमें बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी है.पेयजल की व्यवस्था नहीं :
प्लेटफॉर्म पर पीने के पानी के लिए कहीं भी नल नहीं लगा है. टैप वाटर सिस्टम नहीं रहने के चलतेट्रेन रुकने पर यात्री पानी के लिए प्लेटफाॅर्म पर भाग दौड़ करते नजर आते हैं. यात्रियों के लिए स्टेशन पर एक भी शौचालय नहीं बनाया गया है. इससे उन्हें परेशानी होती है. विशेषकर महिलाओं को तो मुसीबत का सामना करना पड़ता है. आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग के स्टेशन पर उचित व्यवस्था होने के चलते ये लोग दोनों वेटिंग रूम पर अपना कब्जा जमा लिए हैं. इनकी यह मजबूरी है.आरक्षण काउंटर पर उड़ते हैं धूल :
आरक्षण काउंटर बने हैं, पर आजतक टिकट आरक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं की गयी है. जबकि स्टेशन के उदघाटन के समय रेल विभाग के अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण की सुविधा उपलध करने का आश्वाशन दिया था, जो नौ वर्षों के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है. इस लाइन पर रांची से पटना वंदे भारत ट्रेन का परिचालन हो रहा है, पर बरही स्टेशन पर इसका ठहराव नहीं दिया जा सका है. जबकि बरही के लोग ठहराव की मांग करते आ रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है