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ड्रेनेज सिस्टम होगा दुरुस्त, हेडक्वाटर ने स्टेशनों की मांगी रिपोर्ट

प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद मामले में हेड क्वार्टर के अधिकारियों ने लिया संज्ञान

प्रभात खबर में खबर प्रकाशित होने के बाद मामले में हेड क्वार्टर के अधिकारियों ने लिया संज्ञान प्रतिनिधि, सहरसा हल्की बारिश में अब रेलवे ट्रैक नहीं डूबेगी. अब सहरसा जंक्शन सहित पूर्व मध्य रेलवे के सभी मेजर स्टेशन का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से दुरुस्त किया जायेगा. रेलवे ट्रैक के आसपास या रेलवे ट्रैक पर अब बारिश का पानी जमा नहीं होगा. इसके लिए नये सिरे से ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जायेगा. पूर्व मध्य रेलवे के प्रिंसिपल के मैकेनिकल इंजीनियर ने सहरसा जंक्शन सहित पूर्व मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों से जहां पर ड्रेनेज की समस्या है, संबंधित विभागों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है. रेल सूत्रों की माने तो सहरसा में ट्रेनिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर हेड क्वार्टर भेज दिया गया है. यहां बता दें कि सहरसा जंक्शन पर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने से हल्की बारिश में भी रेलवे ट्रैक पूरी तरफ से डूब जाती है. जलजमाव के बाद पानी निकासी का कोई साधन नहीं है और न हीं रेलवे के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था है. ऐसे में रेलवे ट्रैक पर घंटों पानी जमा रहता है. इसे कभी भी रेलवे ट्रैक धंसने और सिगनलिंग व्यवस्था फेल होने का खतरा बन सकता है. मालूम हो कि बीते 11 मई को प्रभात खबर ने इस खबर को काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर छपने के बाद पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया. इसके बाद सहरसा सहित पूर्व मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों से इस समस्या की रिपोर्ट मांगी गयी है. वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं आ रही काम नाला का जब तक निर्माण नहीं हो सके, रेलवे ट्रैक पर जल-जमाव नहीं हो. इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग द्वारा एक वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की थी. उत्तर दिशा से बंगाली बाजार के साइड कच्चा नाला बनाकर रेलवे ट्रैक से दूर एक गड्ढ़ा बनाया गया था. ताकि बारिश का पानी कच्चा नाला होकर गड्ढा में गिर सके. लेकिन गड्ढा में पानी और अवशेष भरे रहने की वजह से रेलवे ट्रैक से पानी निकासी का कोई प्रबंध नहीं होता. रेलवे बोर्ड का निर्देश रेलवे बोर्ड का सख्त निर्देश है कि रेलवे ट्रैक पर पानी नहीं जमा होना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो तुरंत पानी निकासी का प्रबंध होना चाहिए. ट्रेन परिचालन और यात्री सुरक्षा को लेकर यह गाइडलाइन पहले से जारी है. ट्रैक पर लगातार पानी जमा रहने से क्या हो सकता है परेशानी – रेलवे ट्रैक के बीच स्लीपर टूटने का बनी रहती है संभावना – रेलवे ट्रैक धंसने की बन सकती है संभावना – सिगनलिंग व्यवस्था हो सकती है पूरी तरह से फेल – संक्रमित बीमारियों का बन सकता है अंदेशा – ट्रेन परिचालन व्यवस्था पूरी तरह से हो सकती है प्रभावित फोटो – सहरसा 18 – रेलवे ट्रैक पर जमा पानी (फाइल फोटो)

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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