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जाम से कराह रहा शहर, मानसिक तनाव झेल रहे शहर आने वाले लोग

सड़क पर निकले लोग आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे भीड़ से बचने के लिए महिलाएं दुकानों की ओट लेकर खड़ी थीं.

किशनगंज. सड़क पर निकले लोग आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे भीड़ से बचने के लिए महिलाएं दुकानों की ओट लेकर खड़ी थीं. जो हिम्मत जुटा सकीं वे किसी तरह गैप तलाश कर आगे बढ़ीं. जाम का हाल यह रहा कि लोग काफी देर तक फंसे रहे छुट्टी के दिन रविवार को यह स्थिति शहर के प्रमुख इलाकों के चौक चौराहों की थी. जाम देखकर कई लोग बाजार जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. हर दिन की तरह रविवार को शहर की गति सड़कों पर ठहरी हुई थी. हर सड़क पर जाम से निकलने को लोगों ने जमकर संघर्ष किया. और तो और खरीदारी करने वालों को जाम ने खूब परेशान किया. इन सबके बावजूद जाम पर नियंत्रण को प्रशासनिक तंत्र सक्रिय नहीं दिखा.

कैलटेक्स चौक

रेलवे लाइन और हाईवे एक साथ होने के कारण यहां प्रत्येक आधा घंटा में जाम लगता है, रेल फाटक बंद होने के कारण ये समस्या अनंत काल से यहां हैं. दिन भर लोग परेशान रहतें है. जाम ये आलम है कि कैलटेक्स चौक के सब-वे सड़क में भी जाम की स्थिति दिन भर बनी रहती है.

फल चौक

शहर के बीचों-बीच मुख्य बाजार के नेमचंद रोड, सौदागर पट्टी रोड, धर्मशाला रोड और मोतीबाग रोड को आपस में जोड़ने वाले फल चौक की हालत ऐसी थी कि लोग लंबे समय तक जाम में फंसे रहे.

चूड़ीपट्टी

जाम ने यहां भी लोगों को परेशान किया, रमजान पूल से लेकर पश्चिम पाली तक रोड जाम से बेहाल रहे. काफी जद्दोजहद के बाद किसी तरह वाहन रेंग रहा था.

गांधी चौक

शहर के हृदय स्थली गांधी चौक की हालत अन्य दिनों की तरह हॉस्पिटल रोड, महावीर मार्ग और कागजिया पट्टी की तरफ से आने वाले वाहनों ने फिर जैसे रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया. ये तो बस बानगी भर है हर दिन शहर की हालत ट्रैफिक को लेकर बदहाल है. शहर हर दिन हाफतें हुए दिखता है. सड़कों पर हर जगह वाहन की पार्किंग शहर में हर दिन बड़े वाहनों का प्रवेश, लगातार बढ़ते दोपहिया, चारपहिया वाहन और ई-रिक्शा शहर को ठीक से सांस भी नही लेने दे रहा है. लिहाजा शहर में प्रदूषण और यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है.

जी का जंजाल बना रेलवे फाटक

शहर के धर्मगंज, कैलटेक्स चौक और एमआरएफ शोरूम के सामने स्थित रेलवे फाटक व्यापारी, मजदूर, राहगीर, शहरवासी समेत स्कूली बच्चों के लिए जी का जंजाल बन गया है. लगातार ट्रेनों के आवाजाही से लंबे समय तक फाटक बंद रहता है. लंबे इंतजार के बाद फाटक खुलता भी है तो वहां लंबा जाम लग जाता है. फाटक खुलने के इंतजार में लोग 10 से 15 मिनट खड़े रहते हैं. तब तक दूसरी ट्रेन आ धमकती है. देखते ही देखते फाटक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है.

रेलवे लाइन और हाइवे शहर को दो भागों में करती है विभाजित

किशनगंज शहर को रेलवे लाइन और हाइवे दो भागों में विभाजित करती है तथा धर्मगंज, कैलटेक्स चौक और एमआरएफ शोरूम के सामने वाला तीनों रेलवे फाटक एक साथ बंद हो जाने से स्थिति ज्यादा भयावह हो रही है क्योंकि अधिकांश ट्रैफिक इसी मार्ग से गुजरती है. जबकि बस स्टैंड फ्लाई ओवर और डे मार्केट फ्लाई ओवर एक ही साइड और कुछ ही मीटर की दूरी पर हुआ है ऐसे में इन फ्लाई ओवर के निर्माण के बावजूद शहर को जाम से निजात नहीं मिल रहा है. वहीं शहर के चौक-चैराहों पर ट्रैफिक पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति नहीं होने से वाहन चालकों की मनमानी पर कोई लगाम नहीं लग रहा है लिहाजा शहर सुबह से शाम तक जाम से कराहते रहता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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