लखीसराय के किऊल थाना क्षेत्र अंतर्गत किऊल नदी में बने गड्ढे में दब कर एक मजदूर की मौत हो गयी. प्राप्त जानकारी के अनुसार किऊल थाना क्षेत्र के वृंदावन निवासी बनारसी पासवान के पुत्र 60 वर्षीय जनता पासवान किऊल नदी में गये थे. वहां गड्ढे के नीचे जाने के बाद मिट्टी धंसने से वह मिट्टी के नीचे दब गये. जानकारी होने पर पहुंचे लोगों ने उन्हें जब बाहर निकाला, तो उनकी हालत बेहद खराब हो चुकी थी. आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें पास के ही एक निजी क्लीनिक में पहुंचाया गया. जहां चिकित्सक द्वारा उनकी मौत हो जाने की बात कही गयी.
वहीं परिजनों को विश्वास नहीं होने पर उन्हें सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, वहां भी चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले गये. इधर, बताया जा रहा है कि वे बालू मजदूर था. अपने परिवार का भरण पोषण के लिए किऊल नदी से बालू निकाल कर बेचा करते थे. हालांकि घटना को लेकर पुलिस में किसी तरह की शिकायत नहीं की गयी है.
इस संबंध में किऊल थानाध्यक्ष बृजेंद्र कुमार ने बताया कि मामले को लेकर परिजनों द्वारा किसी तरह का आवेदन नहीं दिया गया है. किऊल नदी से अवैध बालू खनन व जानलेवा गड्ढा बना दिये जाने के सवाल पर थानाध्यक्ष ने कहा कि इसकी जांच की जायेगी.
बालू मजदूर के निधन पर आर्थिक सहायता की मांग
जिले के किऊल थाना क्षेत्र के वृंदावन ग्रामवासी बालू मजदूर की धसान के दौरान बालू से दबकर मौत मामले को काफी दुखद बताते हुए लोजपा रामविलास के प्रदेश स्तरीय नेता जॉन मिल्टन पासवान ने जिला प्रशासन से आर्थिक सहायता देने की मांग की है. पासवान ने कहा है कि मृत मजदूर जनता पासवान काफी निर्धन परिवार से आते हैं.
इनके परिजनों को श्रम संसाधन विभाग एवं बाल कल्याण विभाग से मजदूरों को दुर्घटना में मृत्यु के उपरांत परिजनों को मिलने वाली आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए. साथ ही किऊल नदी बालू व्यवसाय में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता के साथ रोजगार देने में जिला प्रशासन को आगे आना चाहिए.
किऊल नदी लोगों के लिए साबित हो रही मौत का कुआं
किऊल नदी को बालू माफियाओं ने मौत के कुएं का रूप दे दिया गया है. जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढा बनाकर बालू माफिया द्वारा रूप से अवैध बालू का उत्खनन किया जा रहा है. रात दिन अवैध बालू का कारोबार जारी है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि पुलिस के नाक के नीचे ही अवैध बालू का उत्खनन किया जा रहा है, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
इससे पुलिस प्रशासन पर आम लोगों ने उंगलियां उठानी शुरू कर दी है. लोगों का कहना है कि बालू माफिया से पुलिस की मिली भगत से ही अवैध उत्खनन का अंजाम दिया जा रहा है. सभी थाना की पुलिस को बालू माफिया द्वारा प्रतिमाह एक निश्चित रकम दी जाती है. इसके लिए थाना में बिचौलियों की भी भरमार हो गयी है.
बालू माफिया द्वारा किऊल नदी व इसके किनारे बनाये गये बड़े-बड़े गड्ढे में लोगों का डूब कर एवं दबकर मौत हो रही है. अब तक आधा दर्जन लोग बालू माफिया के बनाये गये मौत के कुआं में अपनी जान गवां चुके हैं. मरने वाले में अधिकांश युवक मजदूर एवं बच्चे शामिल है. किऊल नदी के किनारे वृंदावन गांव में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. रविवार को किऊल नदी के एक गड्ढे में धंसना गिरने के कारण एक मजदूर की मौत हो गयी है.
इससे पूर्व इसी गांव में एक गड्ढे में एक बच्ची का शव बरामद की किया गया था. जिसकी मौत के बारे में अभी तक लोगों को पता नहीं चल पाया है. इससे पूर्व कवैया, लाली पहाड़ी, महिसोना में गड्ढे में नहाने एवं शौच के क्रम में तीन युवक की जान जा चुकी है. कुल मिलाकर अब तक आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है.
जिला प्रशासन के पदाधिकारी एक-दूसरे पर कार्रवाई करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. थाना की पुलिस ठेला व साइकिल पर बालू ढोने वाले गरीब मजदूर को पकड़ कर अपना कोरम पूरा कर लेती है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि थाना पुलिस के नाक के नीचे ही अवैध खनन का कार्य किया जाता है.
हाल ही के दिनों में पुरानी बाजार स्थित महावीर मंदिर के नजदीक बालू माफिया द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा था. इसका मंदिर कमेटी के लोगों ने विरोध किया. मीडिया के लोगों द्वारा जब वीडियो व फोटोग्राफी की जाने लगी, तो बालू माफिया उसके साथ भी गाली-गलौज करने लगे. तब पुलिस को फोन किये जाने पर पुलिस ने ट्रैक्टर चालक को पकड़ा और ट्रैक्टर को जब्त कर लिया था. जबकि थाना के महज कुछ दूरी पर ही अवैध उत्खनन का अंजाम दिया जा रहा था.
कहते हैं अधिकारी
जिला खनन विकास पदाधिकारी रणधीर कुमार ने बताया कि शनिवार को भी छापेमारी कर अवैध उत्खनन करने वाले दो टीपर व दो ट्रैक्टर को जब्त किया गया है. अवैध उत्खनन को लेकर सभी थाना के पुलिस पदाधिकारी को भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है. सभी थाना को प्रत्येक दिन अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.