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विवि उपभोक्ता फोरम कोर्ट में दर्ज करायेगा एफआइआर

टीएमबीयू व बिजली कंपनी के बीच किराया और बिल समायोजन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है.

टीएमबीयू व बिजली कंपनी के बीच किराया और बिल समायोजन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. मामले में रविवार को कुलपति के आवासीय कार्यालय में रजिस्ट्रार सहित अधिकारियों आपात बैठक हुई. बिजली बिल व विवि की जमीन के किराये को लेकर करीब सात घंटे तक मंथन किया गया. इसमें तय किया गया है कि बिजली कंपनी विवि की जमीन के किराये के से अपने बिल का समायोजन नहीं करता है. ऐसे में विवि प्रशासन कड़ा एक्शन ले सकता है. निर्णय लिया गया कि सोमवार को जिला उपभोक्ता फोरम कोर्ट में विवि को गलत बिजली बिल भेजे जाने के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जायेगा. इसे लेकर दस्तावेज लगभग तैयार कर लिया गया है. रजिस्ट्रार के स्तर से ही एफआइआर दर्ज कराया जाना है. बैठक में चर्चा हुआ कि बिजली काटने पर सरकारी कार्य में बाधा (धारा 353) का केस दर्ज कराया जायेगा. ————————— फिर रजिस्ट्रार ने एफआइआर दर्ज नहीं कराने से मना किया बैठक में एफआईआर व बिजली कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम कोर्ट में जाने के लिए सिंडिकेट के निर्णय अनुसार रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र को अधिकृत किया गया. इस बाबत रजिस्ट्रार ने एफआईआर नहीं कराने की बात कही. इसे लेकर अधिकारियों ने रजिस्ट्रार के व्यवहार पर आपत्ति जतायी. बैठक में रजिस्ट्रार द्वारा बिजली कंपनी को 60 लाख का भुगतान का आश्वासन बिना कुलपति व वित्त कमेटी के अनुमति के दिये जाने पर भी आपत्ति जतायी गयी. ऐसे में बैठक में शामिल अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता व कुलपति आदेश के अवहेलना बताया. बैठक में प्रो अशोक कुमार ठाकुर, डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार, प्रॉक्टर डॉ अर्चना साह, एफओ, विवि अभियंता, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर आदि मौजूद थे. ——————————- बिजली कनेक्शन की संख्या में गड़बड़ी – कुलपति प्रो जवाहर लाल कहा कि बिजली कंपनी ने पहले 61, फिर 51 व 49 कनेक्शन विवि में बताया है. कनेक्शन की संख्या में पूरी तरह गड़बड़ी बरती गयी है. उन्होंने कहा कि बिजली बिल में त्रुटिपूर्ण है. साथ ही कहा कि बिजली कंपनी विवि के 53627 वर्गफुट जगह का इस्तेमाल बिना किराया दिये कर रहा हे. विवि की जमीन का किराया करोड़ों में बिजली कंपनी पर है. वीसी ने कहा कि किराया के निर्धारण के लिए एसडीओ को कई पत्र भेजा गया था. लेकिन जवाब अबतक नहीं मिलाहै. फिर से पत्र देने के लिए विवि के इंजीनियर अंजनी को अधिकृत किया गया. कुलपति ने कहा कि इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी को भी पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है. ———————— इंजीनियर का इंक्रीमेंट काटने का निर्देश बैठक में विवि अभियंता संजय कुमार द्वारा फाइल की स्पष्ट जानकारी नहीं दिये जाने पर कुलपति गरमा गये. कार्य में लापरवाही के लिए अभियंता का एक इंक्रीमेंट काटने का निर्देश दिया है. कुलपति ने कहा है कि सिंडिकेट की बैठक में निर्णय हुआ है कि जब तक कंज्यूमर कोर्ट का कोई फैसला नहीं आता है.ऐसे बिजली नहीं काटी जाये. ताकि विवि में छात्रों की होने वाली परीक्षा सहित अन्य कार्य बाधित नहीं हो जाये. इसके बाद भी बिजली कंपनी कनेक्शन काट देता है, तो विवि की तरफ सरकारी कार्य में बाधा का केस दर्ज कराया जायेगा.

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