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Bhagalpur News : मनराजी लीची पर हुआ पछिया हवा का अटैक, तीन दिनों में 50 फीसदी का नुकसान

पिछले तीन दिनों से तेज धूप के बीच पछिया हवा चलने के कारण भागलपुर की प्रसिद्ध मनराजी प्रजाति की लीची को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है.

पिछले तीन दिनों से तेज धूप के बीच पछिया हवा चलने के कारण भागलपुर की प्रसिद्ध मनराजी प्रजाति की लीची को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. जिले के नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों में बड़े पैमाने पर लीची के बागान हैं. सभी बागानों की एक जैसी स्थिति है. महज तीन दिनों के लीची के लाल छिलके काले पड़ने लगे हैं और टूट कर गिरने भी लगे हैं. इन तीन दिनों में 50 फीसदी से अधिक लीची बाजार में उतारने लायक नहीं रह गये हैं. तीन दिन पूर्व लीची की लाली देखकर लहलहा रहे बागवानों के लिए परेशानी खड़ी हो गयी है. लीची उत्पादक बागवान ही नहीं बल्कि लीची के कारोबार के लिए बंगाल से आये व्यवसायियों को भी बड़ा घाटा हुआ है.

शुक्रवार की सुबह से मनराजी के लिए काल बन कर बह रही है पछिया

नवगछिया के तेतरी और पकड़ा गांव के किसान पूरन सिंह, अशोक सिंह, मो जुबैर, सोहन राय, मिरजान सिंह, सुरेश पंडित, ठाकुर राय, भवेश राय, रमेशी राय ने बताया कि शुक्रवार की सुबह से मनराजी लीची के लिए पछिया हवा काल बन कर बह रही है. उपर से तेज धूप में लीची को वे लोग कैसे बचाएं, कुछ समझ नहीं आ रहा है. पानी का स्प्रे करने से भी फर्क नहीं पड़ रहा है और पूरे बागान में प्रत्येक घंटे पानी स्प्रे करना संभव भी नहीं है. बिहपुर के बभनगामा के किसान महाजन चेतन चौधरी, मो अफरोज, मो डब्लू, सबीर मास्टर, भवतोष कुमार, मो अफाक, अमरपुर के किसान सोनू कुमार, अवधेश कुमार, मंटू कुमार ने बताया कि तेज धूम के बीच दस अप्रैल को भी पछिया हवा का अटैक हुआ था लेकिन उस समय आंशिक नुकसान हुआ था लेकिन इस बार तो यहां के पछिया हवा ने किसानों और व्यापारियों की मिट्टी पलीद कर दी है.

बंगाल के व्यवसायियों को बड़ा घाटा

बागानों में 50 फीसदी से अधिक लीची की फसल जल जाने के कारण बंगाल के व्यवसायी सुबोजीत, देवाशीष ने बताया कि उनलोगों ने लीची की अच्छी फसल को देखते हुए बागान की खरीददारी की थी लेकिन अब पूंजी निकलना भी मुश्किल लग रहा है. मालूम हो कि भागलपुर जिले की लीची बंगाल और उत्तर प्रदेश के रास्ते देश विदेश तक जाती है. किसान नेता कामरेड निरंजन चौधरी ने कहा कि इलाके के किसान पेट के बल हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को क्षति हुई लीची का सर्वे करवा कर किसानों को मुआवजा देना चाहिए. वे इस मामले में जिला कृषि विभाग का ध्यान आकृष्ट करेंगे.

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