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RAJBHUSHAN : भूषण को जल शक्ति-ठाकुर को कृषि मंत्रालय मिलने से  नदियों में पानी और खेतों में लहलहाती फसल की उम्मीद बंधी

मुजफ्फरपुर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने यूनियन कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की और राष्ट्रपति भवन में एक शानदार समारोह में शपथ लेने के एक दिन बाद मंत्रियों को विभागों को आवंटित किया. सोमवार को नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) सरकार में उत्तर बिहार से चार मंत्री शामिल किए गये हैं. मुजफ्फरपुर […]


मुजफ्फरपुर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने यूनियन कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की और राष्ट्रपति भवन में एक शानदार समारोह में शपथ लेने के एक दिन बाद मंत्रियों को विभागों को आवंटित किया. सोमवार को नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) सरकार में उत्तर बिहार से चार मंत्री शामिल किए गये हैं. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और बिहार में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल करने वाले पेशे से डॉक्टर, राज भूषण चौधरी निषाद को जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है.  राजभूषण का मंत्री बनना वीआईपी के प्रमुख मुकेश साहानी के लिए एक झटका है. सहनी खुद को ‘ सन आफ मल्लाह ‘ होने का दावा करते हैं.
राजभूषण चौधरी ऐसे समय में यह जिम्मेदारी निभाएंगे जब भारत के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य की 40 से अधिक नदियों में जलस्तर घट रहा है. जलाशय और नहरें,  भूजल का स्तर चिंतित कर रहा है. बिहार जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी ) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार में कुछ जलाशय सूख गए हैं, डेड स्टोरेज लेवल (डीएसएल) तक पहुंच गए हैं. उनमें 50 प्रतिशत भी पानी नहीं है.  एक अधिकारी ने बीते अप्रैल में जानकारी दी थी कि 23 में से 5 जलाशय सूख गये हैं और 16 जलाशयों में 10 प्रतिशत से कम पानी है. 40 से अधिक नदियों में पानी नहीं है. अन्य नदियों में काफी कम हो गया है. जल संरक्षण और नदियों को बचाने की मुहिम से जुड़े एक्टिविस्ट राजीव कुमार कहते हैं कि , नदियों, जल संसाधन से समृद्ध बिहार के गांवों में टैंकर से पानी की आपूर्ति हो रही है. ऐसे में डॉ राज भूषण से जल शक्ति मंत्रालय में बतौर राज्य मंत्री बड़ी उम्मीदें बंधती है. अब उत्तर- दक्षिण बिहार के लिए अलग- अलग तरीके से रणनीति बनाकर काम हो सकेगा. छोटी नदियों में उत्खनन और अतिक्रमण से निजात मिल सकती है. नमामि गंगे परियोजनाओं की मानीटरिंग बेहतर होगी. गौरतलब रहे कि राज भूषण चौधरी  विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) छोड़कर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने भाजपा के सांसद अजय निषाद को हराया.  अजय ने भाजपा से टिकट कट जाने पर कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा.

राम नाथ ठाकुर से किसानों को बंधी आस
74 वर्षीय राम नाथ ठाकुर, जो राज्यसभा सदस्य हैं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं. उनको को  कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. इससे किसानों को अपनी समस्याओं के दूर होने की आस बढ़ गयी है.  लोकसभा चुनाव में किसानों की समस्याएं बड़ा मुद्दा थीं. ठाकुर के मंत्री बनने से स्थानीय किसानों बंद चीनी मिलों के खुलने, गन्ना किसानों को अपना बकाया भुगतान और मक्का किसानों को भी अपनी समस्याओं के दूर होने की आस बंधी है. मौसम की मार और सरकार से पर्याप्त मदद के अभाव में अकेले पश्चिम चंपारण में गन्ने की खेती 25.8  हजार एकड़ घट गई है.

दुबे के मंत्री बनने से राज्य में खनिज भंडारों की खोज को मिला ‘दम’
49 वर्षीय सतीश चंद्र दुबे, एक राज्यसभा सदस्य हैं और चंपारण क्षेत्र में भाजपा का एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा है. दुबे को कोयला तथा खान मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. इससे बिहार में खनिज भंडारों की खोज को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कोयला की कमी और आपूर्ति समय से नहीं होने के कारण राज्य की बिजली उत्पादन करने वाली इकाइयों का उत्पादन निर्बाध होता रहेगा. सतीश चंद्र दुबे ने पहले 2014-19 से लोकसभा में वाल्मीकि नगर सीट का प्रतिनिधित्व किया था. जेडीयू के साथ सीट-साझा होने की व्यवस्था के कारण 2019 में एक टिकट नहीं मिला. बाद में उन्हें 2022 में राज्यसभा भेजा गया. सांसद बनने से पहले, उन्होंने चनपटिया और नरकटियागंज से विधायक के रूप में कार्य किया.

नित्यानंद राय के गृह मंत्री बनने से आंतरिक सुरक्षा को मिलेगा बल
नित्यानंद राय को एक बार फिर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया है. इससे राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों में बेहतर समन्वय में मदद मिलेगी. ट्रेनिंग से लेकर अन्य जरूरी जरूरी संसाधन जैसी केंद्रीय मदद राज्य को आसानी से मिल सकेगी. बिहार में भाजपा का एक प्रमुख यादव चेहरा 58 वर्षीय नित्यानंद राय, उजियारपुर से जीते हैं. आरजेडी के अलोक कुमार मेहता को हराया है. उन्होंने मोदी के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. एबीवीपी के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करते हुए, उन्हें चार बार हाजीपुर से विधायक के रूप में चुना गया. उन्हें भाजपा नेता अमित शाह के करीब माना जाता है.  राय को मंत्री बनाने के पीछे की मंशा बिहार में भाजपा के भीतर एक यादव नेता को पेश करके आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद का मुकाबला करना है. 

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