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शहर में मनमाने तरीके से लगाये गये होर्डिंग व यूनिपोल

हर साल लाखों के राजस्व की हो रही क्षति

पूर्णिया. शहर की सड़कों पर अवैध होर्डिंग व यूनिपोल का जाल फैला हुआ है. नियम की अनदेखी कर लगाये गये अवैध होर्डिंग और यूनिपोल से जहां लाखों रुपये राजस्व की हानि हो रही है, वहीं लोगों की जान भी जोखिम में है. दरअसल, निगम प्रशासन ने होर्डिंग, यूनिपोल और एलइडी बोर्ड लगाने के लिए शहर को तीन जोन में बांटा है. ए, बी व सी इसमें से ए जोन में तीन वर्षों के लिए वार्षिक दर पर एजेंसी को दिया गया है. जबकि शेष बी व सी जोन निगम खुद अपने जिम्मे रखा है. इस तरह शहर के कुल 46 वार्ड में 120 से अधिक जगहों पर होर्डिंग लगे हुए हैं जबकि यूनिपोल 95 व एलइडी बोर्ड 45 जगहों पर लगे हुए हैं. इसमें से यदि सिर्फ ए जोन की बात करें तो संभावित 61 जगहों पर होर्डिंग लगे हुए हैं. जबकि यूनिपोल अकेले ए जोन में 49 जगहों पर लगाने का एकरारनामा संबंधित एजेंसी को दिया गया है. इसी तरह एलइडी बोर्ड भी उक्त क्षेत्र में 23 स्थलों पर लगे हुए हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि एजेंसी द्वारा एकारनामे से अधिक जगहों पर होर्डिंग और यूनिपोल लगाये जा रहे हैं.

एकारनामे से अधिक जगह लगाये गये यूनिपोल

एकरारनामा के अनुसार, ए जोन में 49 स्थलों पर यूनिपोल लगाए जा सकते हैं. लेकिन इससे अलग शहर में करीब 70 स्थलों पर सड़क के बीचों बीच यूनिपोल लगाए गये हैं. वहीं एकरारनामा के अनुसार होर्डिंग लगाने की साइज 15 बाय 10 वर्गफीट की होनी चाहिए लेकिन शहर में 20 बाय 10 लगाये जा रहे हैं. कुल मिलाकर नगर निगम प्रशासन को आंख में धूल झोंक कर एजेंसी द्वारा राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. शहर में ए जोन क्षेत्र में अनुमति से अधिक यूनिपोल लगे हुए हैं और अभी और लगाने की योजना है. इसके अलावा होर्डिंग की साइज में भी एजेंसी द्वारा घालमेल किया जा रहा है.

हर माह डेढ़ लाख से अधिक हो रही राजस्व की हानि

जानकारी के मुताबिक, एक यूनिपोल से एजेंसी द्वारा हर महीने 8 हजार रुपये से अधिक विज्ञापनदाता से लिया जाता है. शहर में ए जोन क्षेत्र में 49 यूनिपोल से हर महीने 3 लाख 92 हजार रुपये है लेकिन यदि 70 यूनिपोल की बात करें तो हर महीने 5 लाख 60 हजार रुपये हो रहा है. इस लिहाज से नगर निगम को हर महीने करीब 01 लाख 70 हजार रुपये राजस्व की क्षति हो रही है.

क्या है नियम

जानकारों के मुताबिक सड़क और फुटपाथ से कम से कम तीन मीटर की दूरी के बाद ही यूनिपोल रहना चाहिए. विज्ञापनों पर चमकीली लाइट्स का भी उपयोग नहीं होना चाहिए. इससे वाहन चालक को भ्रम होता है. लेकिन यहां एलइडी बोर्ड सड़क के बीचों बीच लगे हुए हैं. फोर्ड कंपनी में सड़क के बीचों बीच एलइडी बोर्ड लगे हुए हैं. नगर निगम क्षेत्र में कुल मिला कर एजेंसी के अलावा निगम कर्मी द्वारा अवैध यूनिपोल और होर्डिंग्स लगाने का कारोबार खूब किया जा रहा है.

सब जानते हुए भी निगम प्रशासन चुप

जानकार बताते हैं कि इस गोरखधंधे में निगम के कर्मचारी भी शामिल हैं. इस मद से निगम को कम और एजेंसी को अधिक मुनाफा हो रहा है. यह सब जानते हुए भी निगम प्रशासन चुप है. लोगों का कहना है कि शहर में सड़क के बीचों बीच और सड़क से सटे जिस तरह से यूनिपोल खड़ा कर दिया गया है, इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

कहते हैं अधिकारी

शहर में होर्डिंग, यूनिपोल और एलईडी बोर्ड लगाने को लेकर ए, बी और सी जोन में बांटा गया है. इसमें ए जोन क्षेत्र जोन एजेंसी को दिया गया है. शहर में एकरारनामा से अधिक यदि यूनिपोल और होर्डिंग की साइज अधिक है,तो इसकी जांच कर संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की जायेगी और जुर्माना भी किया जायेगा.

परिचय: शेखर प्रसाद, सिटी मैनेजर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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