पूर्णिया. पूर्णिया पुलिस ने सांसद पप्पू यादव और उनके कथित करीबी अमित यादव पर एक फर्नीचर व्यवसायी से रंगदारी मांगने व धमकी देने का मामला दर्ज किया है. पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 10 जून को फर्नीचर व्यवसायी ने एक लिखित आवेदन के माध्यम से उल्लेख किया कि दिनांक 02.04.2021 को सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव द्वारा 10 लाख रुपये रंगदारी टैक्स की मांग की गयी थी. वर्ष 2023 के दुर्गापूजा के दौरान मोबाइल व वाट्सएप काल पर 15 लाख रुपये, दो सोफा सेट मांगने के साथ-साथ इनको धमकी व गाली-गलौज किया गया. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सांसद पप्पू यादव के खास अमित यादव की ओर से पांच जून 2024 को मोबाइल पर करीब 10 से 15 कॉल करके अर्जुन भवन, सांसद पप्पू यादव के आवास पर बुलाने व 25 लाख रुपये रंगदारी की बात का उल्लेख फर्नीचर व्यवसायी ने आवेदन में किया है. इसके अतिरिक्त दिनांक चार जून 2024 को दोबारा फर्नीचर व्यवसायी के मोबाइल पर अमित यादव द्वारा धमकी दी गयी कि पांच साल पूर्णिया में ही रहना है. एक करोड़ रुपये नहीं देने पर पूर्णिया छोड़कर जाने की धमकी के साथ जान से मारने की भी धमकी दी गयी. फर्नीचर व्यवसायी द्वारा समर्पित अभ्यावेदन में वर्णित आरोप के आलोक में सांसद पप्पू यादव एवं अमित यादव पर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 93/2024 दिनांक 10.06.2024 धारा-385/504/506/34 भादवि दर्ज कर अग्रेतर अनुसंधान किया जा रहा है. इधर, मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने बताया कि मां फर्नीचर बेलौरी के राजा कुमार के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
फर्नीचर व्यवसायी के आरोप को पप्पू यादव ने बताया राजनीति से प्रेरित
पूर्णिया. 10 जून 2024 फर्नीचर व्यवसाय द्वारा 10 लाख रुपये की रंगदारी टैक्स मांगने के मामले को पूर्णिया के नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव ने राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह मामला मेरी राजनीतिक छवि बिगाड़ने की एक साजिश है. जिसको मैं जनता तक नहीं, उसके द्वारा यह आरोप लगाना भी बिलकुल निराधार है और सच सबके सामने आए, इसके लिए मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की मांग करता हूं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र और प्रदेश स्तर पर यह मेरी छवि को धूमिल और दागदार करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया लोकसभा में जनता के जनादेश के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे सम्मान से विरोधियों को हजम नहीं हो रही है, जिससे वे इस तरह की ओछी हरकत पर उतर आए हैं. पप्पू यादव ने कहा कि साल 2021 की बात पर साल 2024 में फिर बिना जांच के दर्ज करना ही एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है. इसकी कोई ऑथेंटिसिटी नहीं है. ऐसे किसी मामले से मेरा दूर- दूर तक कहीं लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया में चुनाव लड़ने से लेकर अब चुनाव के बाद भी मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है. इसलिए हम डीआइजी साहब से इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट निगरानी में कॉल डिटेल से लेकर हर पहलू पर जांच की मांग करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है