भले ही सरकार पंचायतों का विकास चाहती हो. इसके लिए करोड़ों की राशि खर्च करती है. बावजूद बाद में प्रशासनिक अनदेखी या फिर कहें मरम्मत के अभाव में बेकार पड़ी रहती है. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 14वें वित्त आयोग के तहत लगाया गया स्ट्रीट लाइट लगभग 80% खराब पड़ा हुआ है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. प्रखंड क्षेत्र के द्रुपद, सकरी फुलवार, बाघमारा, अमवार संथाली पंचायत अधिकांश गांव में लगभग दो वर्ष से स्ट्रीट लाइट खराब पड़ा हुआ है. जबकि एक पोल स्ट्रीट लाइट लगाने में 10,000 राशि का खर्च किया गया है, तो पूरे पंचायत में कितने खर्च हुए होंगे. लगभग लाखों की राशि सरकार की बेकार हो गई है और स्ट्रीट लाइट सिर्फ हाथी का दांत साबित हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि स्ट्रीट लाइट गांव में जलती तो रात्रि में उजाला दिखता. लेकिन सभी स्ट्रीट लाइट मरम्मत के अभाव में खराब पड़ा हुआ है, जिसे दिखने वाला कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि नहीं है. ग्रामीणों ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आखिर इस लापरवाही का वजह क्या है और इसके जिम्मेदार कौन है.
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