18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सूख चुके कुआं, चापानल खराब, पेयजल के लिए मचा हाहाकार

जलस्तर घटने के बाद जलमीनार से भी लाभ नहीं, शहरी क्षेत्रों में भी परेशानी

राजमहल. बढ़ती गर्मी और धूप की तपिश से जहां लोगों का आम जनजीवन प्रभावित हो गया है वहीं जलस्तर घटने से शहर से लेकर गावों तक पेयजल की किल्लत उत्पन्न हो गया है. हीट वेब की वजह से लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. राजमहल अनुमंडल मुख्यालय के शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का जलस्तर भी घटने लगा है. ऐसे में कई सरकारी चापाकल, कुआं व निजी कुआं भी या तो सूख गया है या सूखने के कगार पर है. ऐसे में सक्षम लोग जहां पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बोरिंग करवा रहे हैं तो वहीं सामान्य लोग एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर पेयजल अपने-अपने घर ला रहे हैं. कई जगहों पर सरकारी चापाकल भी खराब है. गर्मी में पानी के लिए शहरवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कई दिनों से तापमान और उमस भरी गर्मी के कारण चापाकल का जलस्तर धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया है. बढ़ती गर्मी में लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. शहर के वार्ड-11, 12 व 13 में सरकारी चापाकल जनसंख्या के आधार पर बहुत कम है. इसके लिए लोगों को दूसरे के घर से या सरकारी चापाकल में एक घंटा पहले से पानी लेने के लिए लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. वही शहरवासी अनिल दत्ता, आरती दत्ता, शांति देव, अंशुल खान, अब्दुल खान, मलिक शेख, ताहिरा वेवा, राइस शेख, उद्दीन शेख, असद शेख, शाहिद शेख, जलाल शेख आदि ने कहा कि नगर पंचायत की ओर से 10 वर्ष पहले सप्लाई पानी का पाइप बिछाया गया है, जिसका लाभ हम लोगों को अभी तक नहीं मिल रहा है. नगर पंचायत में कई बार मौखिक कहा गया है कि पानी का बहुत दिक्कत है. सप्लाई पानी का कनेक्शन करवा दीजिए, जिससे हम लोगों को पानी लेने में सुविधा होगा. अभी तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. सरकार की ओर से घर-घर नल जल का नारा लगाया जाता है, पर धरातल पर नहीं दिख रहा है. नगर पंचायत के जेइ कहते हैं कि पानी का फोर्स बहुत कम है, जिसके कारण वार्ड 12 व 13 में पानी नहीं पहुंच पाता है. राजवाड़ा मस्जिद के पास सप्लाई पानी का लीकेज होने की वजह से वहां पानी निकलता है. पानी की तकलीफ की वजह से लीकेज की जगह गड्ढा करके पानी लेते हैं. निवर्तमान वार्ड पार्षद शौकिया कायनात ने बताई की पानी की समस्या को लेकर नगर पंचायत में लिखित आवेदन देकर चापाकल लगवाने के लिए कहा गया है. इसको लेकर नगर पंचायत के पदाधिकारी अभी तक किसी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया है. वहीं नपं के अभियंता ने कहा कि पेयजल की समस्या को नगर पंचायत कार्यालय की ओर से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. सालगाछी संथाली पंचायत के लोगों को भी है पानी की समस्या तीनपहाड़. भीषण गर्मी के कारण जलस्तर नीचे चला गया है जिस कारण लोगों को पानी की किल्लत हो रहा है. सरकार की ओर से लोगो का प्यास बुझाने के लिए कई तरह की योजना धरातल पर लायी गयी, लेकिन सब का सब बेकार है. सबसे ज्यादा असर पहाड़ों पर रहने वाले आदिम जन जाति का है. लोग पानी दूर से लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. ऐसा ही मामला तालझारी प्रखंड के सालगाछी संथाली पंचायत का है. ज्यादातर गांव पहाड़ों पर है. वहां रहने वाले लोगों को पानी दूर से या झरने से लाकर उपयोग करते हैं. इसी सालगाछी पहाड़ गांव के लोग पानी के लिए कतार लगाकर पानी लेते हैं. ग्रामीण सूरज मालतो, देवा पहाड़िया, दिनेश्वर मालतो, मोहन मालतो, मेसा पहाड़िया, जबरी पहाड़िन, बड़ा मेसा पहड़िया, देवा पहड़िया, मेसी पहाड़िन का कहना था कि गांव में लगभग 400 की आबादी है. पानी के लिए सोलर युक्त मोटर लगाया गया था, लेकिन चोरी हो गयी. इसके बाद मोटर को बिजली से संचालित किया जाने लगा. कुछ दिनों तो ठीक चला फिर पानी कम आने लगा. अब तो हालत यह है कि पानी के इंतजार में बर्तन रखकर कतार लगाया जाता है, जिसके किस्मत में पानी है उसको मिलेगा. चुकी कभी-कभी ही इस बोरिंग से पानी निकलता है. इतना ही नहीं पानी के लिए रात को भी जगना पड़ता है. ग्रमीणों का कहना है कि इसकी शिकायत भी वरीय अधिकारी से की गयी, लेकिन फायदा कुछ नहीं हुआ. इस संबंध में मुखिया सुरेज पहाड़िया ने कहा कि पूरे पंचायत में पानी की समस्या है. उपायुक्त को आवेदन देकर समस्या के समाधान का आग्रह किया जायेगा. महासिंहपुर के लोगों में भी पेयजल की किल्लत मंगलहाट. प्रतिनिधि के अनुसार गर्मी दस्तक देते ही लोग पेयजल की समस्या से जूझने लगे हैं. महासिंहपुर पंचायत अंतर्गत नकटी गांव के वार्ड-11 में सोमवार को छेदनी देवी, सीता देवी, तारा देवी, मंजू मरांडी, लीलावती देवी, सूरज मुनि देवी, मुन्नी उरांव, स्विग्गी हांसदा, लड्डू टुडू, आनंद तूरी, लालू तूरी, सनोज मुर्मू, जलसहिया शांत मरांडी ने कहा कि 50 परिवार के लगभग 200 से अधिक आबादी एक चापाकल के भरोसे हैं. दो पट कुआं है जिसका पानी सूख जाने से पानी भी गंदा हो गया है. एक चापाकल भी खराब पड़ा हुआ है. एक चापाकल होने से पानी लेने में हमेशा सुबह-शाम लोग आपस में नोंक-झोंक होते रहते हैं. पट कुआं का पानी भी सूखने लगा है. एक महीना पूर्व गांव में आधे अधूरे बोरिंग कर छोड़कर चले गए हैं. गांव में जल संकट की स्थिति बनी हुई है. गांव में प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा गंगा नदी हैं. हम सब ग्रामीणों को गांव से लगभग 800 मीटर दूर गंगा नदी से तपती धूप में पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. तालाब व पोखर का पानी से ही अपने दिनचर्या के कार्य को पूर्ण करते हैं, जिससे की बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों को पेयजल के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि कई बार पीएचइडी के प्रतिनिधियों को भी शिकायत की गयी है. परंतु आज तक भी जल की समस्या को दूर नहीं सका है. लोगों में भारी रोष व्याप्त है. इंसान तो इंसान,मवेशियों के लिए भी पानी का संकट गहराने लगा . बकाई टोला में 200 की आबादी एक चापाकल के हैं भरोसे उधवा. प्रखंड में एक ऐसा गांव जहां के लोग एक चापाकल के भरोसे हैं, 200 घर है. हर घर नल योजना के तहत नहीं लगा है, ग्रामीण दूसरे गांव से पानी लाकर अपनी प्यास को बुझाते हैं. जानकारी के अनुसार पश्चिमी उधवा पंचायत अंतर्गत बकाई टोला में एक ही चापाकल है. गांव की आबादी करीब 200 से अधिक है. गर्मी के कारण गांव के लोगों को पीने के साथ-साथ घरेलू कार्य करने में पानी के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दूसरे गांव से लोग पानी लाकर काम चलाते हैं. उक्त गांव में भारत सरकार की ओर से चलाये जा रहे हैं जल शक्ति मिशन योजना के तहत हर घर नल योजना के तहत टंकी का भी निर्माण नहीं कराया जा सका है. ग्रामीण अशरफ शेख, रेजाउल शेख, खोलिल शेख, इंजमामुल शेख, मुबारक शेख, मुशर्रफ शेख, वासिम शेख, अजीजुल शेख, जियाउल शेख, सलाम शेख, लहारदी शेख, तजामुल शेख आदि ने बताया कि भीष्म गर्मी से लोग बेहाल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर गांव में एक चापाकल रहने के कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न होने लगी है. बताया कि 200 आबादी से अधिक लोग रहते हैं और एक ही चापाकल है, जिससे लोगों को पानी लेने के लिए दूसरे गांव पर निर्भर रहना पड़ता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से पानी की समस्या को देखते हुए इसका निदान करने की मांग की है. क्या कहते हैं ईई पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कनीय अभियंता एवं मिस्त्री क्षेत्र में लगे हुए हैं. बावजूद जिन जिन इलाकों में पेयजल की समस्या है. ग्रामीणों से जानकारी मिलते ही उसका निदान कराया जायेगा. गोविंद कच्छप, ईई, राजमहल.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें