14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड सचिवालय सेवा के पदाधिकारियों का मौन प्रदर्शन आज, अन्य विभाग के कर्मी भी कर रहे हैं आंदोलन की तैयारी

झारखंड के विभिन्न सेवा के कर्मी आंदोलन की तैयारी में है. आज इसी कड़ी में सचिवालय सेवा संघ के पदाधिकारियों का मौन प्रदर्शन है. इसकी रूप रेखा तैयार कर ली गयी है.

रांची : झारखंड की विभिन्न सेवा के कर्मी आंदोलन को तैयार हैं. वे अपनी मांंगों को लेकर आंदोलन करेंगे. वे आदर्श चुनाव आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार कर रहे थे. अब आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं. इनमें से झारखंड सचिवालय सेवा संघ के पदाधिकारियों ने तो आंदोलन की घोषणा भी कर दी है. संघ का आंदोलन 11 जून से शुरू हो रहा है. 11 जून को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय के समक्ष मौन प्रदर्शन करेंगे. वहीं राज्य के मनरेगाकर्मी और पंचायत स्तरीय स्वयंसेवक भी तैयारी में लग गये हैं.

ये संगठन करेंगे आंदोलन

झारखंड सचिवालय सेवा संघ का आंदोलन मंगलवार 11 जून से शुरू हो रहा है. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने बताया कि उनके कैडर के पदों को कम करने की साजिश की गयी है. इसके अलावा भी अन्य मांगों को लेकर पहले मौन प्रदर्शन किया जायेगा. फिर 19 से 20 जून तक काला बिल्ला लगाया जायेगा. 27 जून को कलमबंद हड़ताल और जुलाई में प्रदर्शन होगा.

इधर, पंचायत स्तरीय स्वयंसेवक भी आंदोलन के लिए तैयार हैं. इसके पूर्व 250 दिन से अधिक समय तक उनलोगों ने राजभवन के समक्ष धरना दिया था. फिर भी मांगें नहीं मानी गयी. निर्णय के बाद भी एकमुश्त 2500 रुपये हर स्वयंसेवकों को नहीं मिले. सारी मांगें यथावत है. स्वयंसेवकों को तीन साल से पैसे नहीं मिल रहे हैं. एक-एक स्वयंसेवक का तीन से चार लाख रुपये बकाया है.

राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ की ओर से राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन देकर आंदोलन की जानकारी दी जायेगी. इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. संघ 2400 ग्रेड पे लागू करने, राज्य स्तरीय वरीयता सूची प्रकाशित करने, वरीयता सूची के आधार पर सीआइ से सीओ में प्रोन्नति की मांग कर रहा है.

मनरेगाकर्मी भी आंदोलन को तैयार हैं. नियमितीकरण सहित कई मांगों को लेकर वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन कई बार समझौता के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई है. ऐसे में वे फिर से आंदोलन के लिए तैयार हैं. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि कई बार विभागीय मंत्री और पदाधिकारियों से वार्ता के बाद भी मांगें नहीं मानी गयी है. ऐसे में आंदोलन ही विकल्प बचा है.

Also Read: Jharkhand High Court: पुलिस नशे का कारोबार रोके, नहीं तो अदालत करेगी हस्तक्षेप, झारखंड हाईकोर्ट ने दी सख्त हिदायत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें