SEBI Rules Change: बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डीमैट और म्यूचुअल फंड खाता नियमों में ढील देते हुए नामांकन का ऑप्शन नहीं देने पर खातों को फ्रीज करने के नियम को समाप्त कर दिया है. सेबी के इस कदम से भौतिक रूप में प्रतिभूतियां रखने वाले निवेशक अब लाभांश, ब्याज या प्रतिभूतियों को आसान से भुना सकेंगे. इसके साथ ही निवेशक ‘नामांकन का विकल्प’ न चुनने पर भी शिकायत दर्ज करने या आरटीए (निर्गम के रजिस्ट्रार और शेयर हस्तांतरण एजेंट) से किसी भी सेवा पाने के हकदार होंगे.
नामाकंन का ऑप्शन न देने पर फ्रीज नहीं होगा अकाउंट
इससे पहले सेबी ने सभी मौजूदा पर्सनल म्यूचुअल फंड धारकों के लिए नामित व्यक्ति (नॉमिनी) का विवरण देने या नामांकन से बाहर निकलने के लिए 30 जून की समयसीमा तय की थी. नियम का पालन न करने पर उनके खातों से निकासी पर रोक लगाई जा सकती थी. हालांकि, सेबी ने सोमवार को जारी सर्कुलर में कहा कि नियमों के पालन में आसानी और निवेशकों की सुविधा के मद्देनजर मौजूदा निवेशकों या यूनिटधारकों के लिए ‘नामांकन का विकल्प’ न देने पर डीमैट खातों के साथ म्यूचुअल फंड खाते को फ्रीज नहीं करने का फैसला किया गया है.
नए निवेशकों को नामांकन का ऑप्शन देना जरूरी
बाजार नियामक सेबी ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों या आरटीए द्वारा ‘नामांकन का विकल्प’ न देने की वजह से फिलहाल रोके जा चुके भुगतान को भी अब निपटाया जा सकेगा. इसके साथ ही, सेबी ने यह भी साफ किया कि सभी नए निवेशकों और म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए अनिवार्य रूप से ‘नामांकन का विकल्प’ देने की व्यवस्था जारी रहेगी.
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ईमेल और एसएमएस के जरिए भेजे जाएंगे मैसेज
सेबी ने डिपॉजिटरी प्रतिभागियों, एएमसी या आरटीए से कहा है कि वे डीमैट खाताधारकों या म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों को ईमेल और एसएमएस के जरिये पखवाड़े के आधार पर संदेश भेजकर ‘नामांकन का विकल्प’ को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करें. ब्योरे को अपडेट करने के लिए नामित व्यक्ति का नाम, नामित व्यक्ति की हिस्सेदारी और आवेदक के साथ संबंध के बारे में बताना होगा. सेबी ने डीमैट खाते और एमएफ फोलियो में नामांकन का विकल्प देने और नामांकन से बाहर निकलने के लिए एक प्रारूप भी जारी किया है.
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