13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

80 वर्षों बाद भी भवानीपुर जोतराम राय उवि की व्यवस्था जस की तस

जर्जर भवन में हो रही पढ़ाई, चहारदिवारी तक नहीं, बच्चे है असुरक्षित

बरारी. प्रखंड के भवानीपुर में कभी टाउन जैसी सारी सुविधा हुआ करती थी. 80 वर्षों बाद भी एचके उच्च विद्यालय जोतराम राय में सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. विद्यालय परिसर मे बनी तीन कमरे का भवन जर्जर है. चार कमरे के भवन में रंग-रोगन किया गया है. जबकि भवन की जमीन व बरामदा काफी जर्जर है. ऐसा विद्यालय है. जिसमें कोई भी ग्रामीण व पशु कभी भी किसी भी ओर से प्रवेश की खुली छूट है. न ही चहारदिवारी है ना हीं कोई दरवाजा है. जबकि किसी भी उच्च विद्यालय के पदेन अध्यक्ष स्थानीय विधायक हुआ करते हैं. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार मिश्र बताते हैं कि सन 1944 में स्थापित इस विद्यालय में प्लस टू के लिए भवन चार है. जबकि बच्चे नामांकित मात्र 14 हैं. जबकि शिक्षक 12 की संख्या में पदस्थापित हैं. स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है. नौवीं कक्षा में नामांकित 78 बच्चे हैं. 10वीं कक्षा में नामांकित 115 हैं. नौ शिक्षक पदस्थापित हैं. विद्यालय की करीब तेरह एकड़ खेती की जमीन है जो प्रत्येक वर्ष लीज में दी जाती है. खेती की जमीन की लीज का रुपया विद्यालय के खाता में जमा होने की बात बताई जाती है. लीज किसकी निगरानी में होती है. कोई बताना नहीं चाहता. विद्यालय में प्रवेश द्वार एवं चहारदिवारी तक नहीं है. सारा दिन पशु विचरण करते रहते है. कोई भी किसी भी ओर से विद्यालय में कभी भी घुस सकता है. इतनी असुरक्षा है. विद्यालय भवन का बरामदा काफी जर्जर है. जमीने काफी उबड़ी खाबड़ हो गयी है. नौंवी एवं दसवीं की पढ़ाई के लिए छह भवन ( कमरा ) है. जिसमें तीन कमरा काफी जर्जर है. उसे बंद कर रखा गया है. विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुसार कमरा नहीं रहने से परेशानी होती है.

छात्राओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नदारत

विद्यालय में शौचालय छह व चापाकल दो संचालित है. जबकि महिला शिक्षिका के लिए कॉमन रूम एवं छात्राओं के लिए महिला शौचालय की व्यवस्था नहीं है. आज भी विद्यालय जंगल के बीच में उदासीनता का शिकार बना हुआ है. ऐसा लगता है कि विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक हीं नहीं होती है. प्रभारी प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार मिश्रा बताते हैं कि रंगरोगन का कार्य विद्यालय विकास निधि से किया गया है. चहारदिवारी एवं मुख्यद्वार व जर्जर भवन एवं बरामदा का बनाना जरूरी है. इसके लिए विधायक सह पदेन अध्यक्ष के पास समस्या रखी गई है. विभाग को भी भेजा गया है. पचास हजार आबादी का इलाका में प्राचीन उच्च विद्यालय की ऐसी खराब स्थिति पर आखिर जिम्मेवार कौन है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें