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मांडर कॉलेज में वित्तीय अनियमितता के आरोपियों ने 10 लाख रुपये लौटाये

रांची विवि अंतर्गत मांडर कॉलेज में पूर्व प्राचार्य, बर्सर तथा एकाउंटेंट को वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी पाये जाने के बाद विवि गंभीर हो गया है.

रांची. रांची विवि अंतर्गत मांडर कॉलेज में पूर्व प्राचार्य, बर्सर तथा एकाउंटेंट को वित्तीय अनियमितता किये जाने का दोषी पाये जाने के बाद विवि गंभीर हो गया है. सख्ती बरतने के बाद लगभग 52 लाख रुपये में 10 लाख रुपये लौटा दिये हैं. विवि ने बाकी राशि 30 जून 2024 तक लौटाने का निर्देश दिया है. राशि नहीं लौटाने पर विवि आगे की कार्रवाई करेगा. ज्ञात हो कि चार प्राचार्य, दो बर्सर और एक एकाउंटेंट पर इंटर तथा स्नातक के विद्यार्थियों से लिये गये शुल्क लगभग 52 लाख रुपये बैंक में जमा नहीं करने का आरोप लगा है. इस मामले को विवि ने आंतरिक जांच में भी इसे सही पाया है. विवि ने इन सभी प्राचार्यों, बर्सरों व एकाउंटेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया और राशि की वसूली का निर्देश दिया. राशि नहीं लौटाने पर विवि ने प्राथमिकी तक दर्ज कराने की बात कही है. इन प्राचार्यों, बर्सरों व एकाउंटेंट पर स्नातक के विद्यार्थियों से शुल्क के रूप में लिये गये लगभग 19 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं मिल रहा है. इतना ही कॉलेज में वित्त से संबंधित रजिस्टर और कागजात दुरुस्त नहीं मिले. एक ही नंबर के दो चालान बुक छपवाये गये. कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने वित्तीय अनियमितता को काफी गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की. अनियितता करनेवाले कई प्राचार्य व बर्सर सेवानिवृत्त भी हो गये हैं. इधर विवि प्रशासन ने कॉलेज में गड़बड़ी की जानकारी राजभवन सहित उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को भी दे दी है.

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