खरौंधी के विद्यालयों में इस समय भीषण गर्मी में बच्चों को गर्मी व लू के साथ पानी संकट से भी जूझना पड़ रहा है. शिक्षकों को भी विद्यालय संचालन में कठिनाई हो रही है. पेयजल की समस्या के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ने की भी चिंता बनी रहती है. इस कारण समय से पूर्व बच्चों को छुट्टी देनी पड़ रही है. गौरतलब है कि जिले के जनप्रतिनिधि मिथिलेश कुमार ठाकुर राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री हैं. बावजूद उनके गृह जिले में बच्चों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. राजकीयकृत उच्च विद्यालय खरौंधी एवं राजकीय मध्य विद्यालय खरौंधी में चापाकल एवं जलमीनार का डीप बोर सूख जाने से लगभग 1200 छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण उच्च विद्यालय में कक्षा दिन के सात बजे से 11.30 बजे तक के बजाय 10 बजे ही स्थगित कर दी गयी. गौरतलब है कि ग्रीष्मावकाश के बाद विद्यालय 10 जून से ही खुला है.
केश स्टडी-दो
इधर मवि खरौंधी में भी पानी को लेकर यही संकट है. इस विद्यालय में 2.3 लाख की लागत से गत वर्ष चापाकल के लिए डीप बोर किया गया था. परंतु तीन माह बाद ही बोर सूख गया. अब विद्यालय प्रबंधन समिति को मध्याह्न भोजन बनाने के लिए दूर से पानी लाना पड़ता है. वहीं छात्र-छात्राओं को भी पानी पीने के लिए दूर जाना पड़ता है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनिल तिवारी ने बताया कि पानी को लेकर काफी दिक्कत हो रही है. हालांकि यहां कक्षा निर्धारित समय तक संचालित हो रही है. उन्होंने इस संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों को अवगत कराया है. लेकिन अभी तक इसका समाधान नहीं किया गया है.नया बोर का प्रस्ताव लाया गया है : कनीय अभियंता
इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता देवेन्द्र नाथ किस्को ने बताया कि मवि खरौंधी में नया बोर के लिए प्रस्ताव लाया गया है. पर उच्च विद्यालय खरौंधी की स्थिति के बारे में उन्हें पता नहीं था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है