16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सभी थाने पूरी तरह से होंगे डिजिटलाइज्ड

वैशाली जिले के पुलिस पदाधिकारियों, अनुसंधानकर्ताओं को पुलिस विभाग के नये कानून की जानकारी के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में आयोजित प्रशिक्षण के दूसरे दिन थानों में दर्ज होनेवाले विभिन्न मामलों के संबंध में जानकारी दी गयी.

वैशाली जिले के पुलिस पदाधिकारियों, अनुसंधानकर्ताओं को पुलिस विभाग के नये कानून की जानकारी के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में आयोजित प्रशिक्षण के दूसरे दिन थानों में दर्ज होनेवाले विभिन्न मामलों के संबंध में जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण में सात साल से अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक टीम द्वारा साक्ष्य संकलन की अनिवार्यता, अनुसंधान की विधि, विज्ञान का महत्व, वैज्ञानिक तरीके से अपराध का अनुसंधान विषय पर विस्तार से पुलिस पदाधिकारियाें को जानकारी दी गयी. एसपी हरकिशोर राय की मौजूदगी में चल रहे प्रशिक्षण के दूसरे दिन बताया गया कि बिहार पुलिस विभाग में नये कानून आने के बाद जिले के सभी थाने पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड होंगे. बताया गया कि विभिन्न थानों में ऑनलाइन एफआइआर की सुविधा शुरू की जा रही है. ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद आवेदक को 72 घंटे के भीतर भौतिक रूप से थाना पहुंच कर पंजी पर अपना हस्ताक्षर करना होगा. एसपी ने बताया कि थाना का सभी काम पुलिस विभाग के अधिकारिक पोर्टल सीसीटीएनएस पर किया जायेगा. पोर्टल पर अपडेट रहने के लिए आनेवाले एफआइआर के आवेदन, कैरेक्टर वेरिफिकेशन, पासपोर्ट वेरिफिकेशन, जन शिकायत सुनवाई, स्टेशन डायरी, थाने की दैनिकी पंजी आदि सभी सेम डे में अपडेट रहेंगे. एसपी ने बताया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन सभी थानाध्यक्षों, अनुसंधानकर्ताओं, अंचल निरीक्षकों एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को घटना स्थल पर पहुंचने के बाद सबसे पहले फोटो लेने, वीडियोग्राफी करने, फिंगर प्रिंट लेने के तरीके के साथ ही अपराधियों के पैर के निशान, ब्लड सैंपल एवं घटना से संबंधित अन्य साक्ष्य संकलन करने के संबंध में जानकारी दी गयी है. बताया गया कि पुलिस को हाइटेक करने एवं अपराध के बदलते तरीके को देखते हुए पुलिस के काम करने के तरीके को भी अपडेट किया जा रहा है. ताकि किसी भी हाल में अपराधी बच नहीं सके तथा आम लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि किसी भी मामले में पीड़ित द्वारा आवेदन दिये जाने एवं दर्ज कांडों के संबंध में केस के अनुसंधानकर्ता 90 दिनों के भीतर केस की स्थिति एवं अद्यतन रिपोर्ट की जानकारी पीड़ित को बतानी है. साथ ही विभाग के पोर्टल आइसीजेएस के पोर्टल के माध्यम से सभी न्यायपालिका की सुविधा की जानकारी अपडेट रहेगी, जिससे पुलिस को अनुसंधान करने में भी तेजी तथा मदद मिलेगी. इससे पुलिस पदाधिकारियों के समय की भी बचत होगी. बताया गया कि जिले के पुलिस को फोरेंसिक किट भी उपलब्ध कराया गया. सभी अपराधियों का फिंगर प्रिंट का डाटा नफीस के माध्यम से सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है. वहीं महिला पीड़ित के लिए महिला पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद रहेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें