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हाल-ए-मनरेगा : वित्तीय वर्ष में शुरू हुआ 34286 काम, पूरा हुआ 3163

बोकारो में मनरेगा बना फ्लॉप शो, इस वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में कार्य पूर्णता की दर 9.2 प्रतिशत

बोकारो. मनरेगा यानी मजदूरों को स्थानीय स्तर पर साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार. रोजगार के जरिये मूलभूत विकास की दिशा में विकास मनरेगा का ध्येय है. लेकिन, बोकारो में मनरेगा एक फ्लॉप शो बन कर रह गया है. स्थिति यह है कि इस वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में कार्य पूर्णता की दर 9.2 प्रतिशत है. रिपोर्ट की माने तो इस वित्तीय वर्ष में 34286 काम मनरेगा के तहत शुरू किया गया था. इनमें से मात्र 3163 काम ही पूरा हुआ है. शेष 31123 कार्य अधूरा है. जिला के एक प्रखंड में कार्य पूर्णता दर शून्य प्रतिशत ही है.

मनरेगा की स्थिति का आकलन इससे भी किया जा सकता है कि ना सिर्फ इस वित्तीय वर्ष, बल्कि पिछले वित्तीय वर्ष में स्थिति ऐसी ही रही. 2023-24 वित्तीय वर्ष में कार्य पूर्णता दर मात्र 14.9 प्रतिशत ही था. पिछले वित्तीय वर्ष में 13335 काम मनरेगा के तहत शुरू हुआ था. इनमें से मात्र 1998 काम पूरा हुआ, जबकि 11337 काम अधूरा ही है. हैरानी यही नहीं है, बल्कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का आधा से अधिक काम अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 9964 काम मनरेगा के तहत शुरू हुआ. इसमें से 4645 काम पुरा हुआ और 5319 अभी भी शेष है.

चंद्रपुरा प्रखंड अबतक जीरो

मौजूदा वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत एक प्रखंड का प्रदर्शन मौजूदा दौर में बहुत ही खराब है. चंद्रपुरा प्रखंड में कार्य पूर्णता दर शून्य प्रतिशत है. बेरमो प्रखंड में 635 काम शुरू हुआ. इनमें से मात्र 53 ही पूरा हुआ. चंदनकियारी में 5882 काम शुरू हुई, इनमें से 364 पूरा हुआ, जबकि 5518 काम पूरा नहीं हुआ है. चंद्रपुरा प्रखंड में 3290 काम शुरू हुआ, इनमें से एक भी काम पूरा नहीं हुआ. कसमार में 5402 काम के बदले 474 काम पूरा हुआ. गोमिया में 4776 काम के बदले 320 काम पूरा हुआ. जरीडीह प्रखंड में 2588 काम के बदले 450 काम पूरा हुआ. कसमार में 3310 काम के बदले 132 पूरा हुआ. वहीं नावाडीह में 4841 काम के बदले 1098 काम पूरा हुआ. पेटरवार प्रखंड में 3562 काम के बदले 288 काम पूरा हुआ.

वर्क डिमांड में भी लगातार दिख रही है गिरावट

मनरेगा की जिला में नाजुक स्थिति का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इसके तहत काम की मांग भी कम हो रही है. इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल माह में वर्क डिमांड 35771 थी. यानी 35771 लोग ने काम की मांग की थी. लेकिन, मई में यह आंकड़ा घटकर 34776 हो गयी. जबकि जून माह के लिए वर्क डिमांड मात्र 22017 ही है. जुलाई माह के लिए गोमिया प्रखंड में 12 लोग ने वर्क डिमांड किया है.

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