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प्रभात खबर में छपी खबर पर डालसा ने लिया स्वत: संज्ञान, आत्महत्या का प्रयास मामले की होगी निष्पक्ष जांच

डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने प्रभात खबर में प्रकाशित दो अलग-अलग खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है. पहले मामले में रिमांड होम की बच्ची द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के मामले की जांच करायी जायेगी. जबकि दूसरे मामले में दुष्कर्म पीड़िता को कानूनी सहायता दिलायी जायेगी.

विधि संवाददाता, देवघर : डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी ने प्रभात खबर में प्रकाशित दो अलग-अलग खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है. पहली खबर कुंडा स्थित बाल सुधार गृह सह निरीक्षण गृह में रहने वाली एक बालिका द्वारा आत्महत्या करने के प्रयास से जुड़ी है और 11 जून 2024 को प्रकाशित हुई है. वहीं दूसरी खबर 26 अप्रैल 2024 को प्रकाशित हुई है, जिसमें एक नाबालिग लड़की के साथ दो युवकों द्वारा दुष्कर्म किये जाने का है. प्राधिकार के सचिव मयंक तुषार टोपनो व प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के बंकिम चंद्र चटर्जी मंगलवार को निरीक्षण गृह पहुंचे. उन्होंने पूरी घटना की तहकीकात कर संबंधित अधिकारियों को इस घटना और अब तक की गयी कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. डालसा ने होम की बच्ची द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के मामले को गंभीरता लिया है. कहा है कि डालसा बच्चे के हितों के संरक्षण के लिए कटिबद्ध है. इस मामले की निष्पक्ष जांच करने और जो भी इसके लिए जिम्मेदार पाये जायें उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. दुष्कर्म पीड़िता को निःशुल्क कानूनी सहायता का आश्वासन मधुपुर में एक नबालिग लड़की को कार से उठाकर ले जाने व दो युवकों द्वारा दुष्कर्म करने की बात सामने आयी थी. इस खबर के संदर्भ में एसीजेएम मधुपुर अनुमंडल सिविल कोर्ट के रवि नारायण, सुचिता निधि तिग्गा, सचिव, उप-विभागीय विधिक सेवा समिति (एसडीएलएससी) मधुपुर पीड़िता के घर पहुंचे व उसके परिवार को आश्वासन दिया कि उन्हें निःशुल्क कानूनी सहायता तथा अन्य सभी संभावित लाभ दिलाया जायेगा. साथ ही पीड़िता और उसके परिवार को हर संभव सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में पहल करने की बात कही. सचिव ने कहा कि डालसा का गठन पीड़ितों के अलावा गरीबों व जरुरतमंदों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है. जिले में कोई भी व्यक्ति कानूनी सहायता के अभाव में न्याय पाने से वंचित नहीं रहे. विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों व आदिवासी समुदाय जैसे कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है. लोगों से अनुरोध किया है कि किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता की जरूरत हो, तो प्राधिकार से सहायता ले सकते हैं. प्राधिकरण निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान के लिए सदैव तत्पर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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