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दुमका जिले में नहीं पहुंचा अबतक धान बीज, लैम्पस की ओर से ड्राफ्ट भेजने में हुई देरी

पूरे दुमका जिले में अबतक धानबीज नहीं पहुंचा है. विभाग की लेटलतीफी के कारण किसानों को बीज मिलने में देरी होगी.

दुमका,आनंद जायसवाल : इस बार के खरीफ के मौसम में धान की खेती करने वाले दुमका के किसानों को सरकारी लैम्पस से स्वर्णा धान यानी एमटीयू 7029 प्रभेद के बीज प्राप्त करने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. दरअसल विभाग की लापरवाही और जिले के लैम्पसों की लेटलतीफी की वजह से कृषिमंत्री बादल के ही विधानसभा क्षेत्र वाले जिले के किसानों को यह परेशानी पैदा हुई है. दुमका को छोड़ संताल परगना के सभी पांच जिले गोड्डा, देवघर, साहिबगंज, पाकुड़ व जामताड़ा जिले में किसानों को वितरित करने के लिए बीज न केवल पहुंच चुका है, बल्कि अब तक आपूर्ति की गयी बीज में से ज्यादातर हिस्से का वितरण भी हो चुका है. ऐसे इलाकों में किसान बीज डाल भी चुके हैं. पर दुमका जिले के लिए इस वर्ष खरीफ में धान की खेती के लिए बीज न पहुंचने से किसानों को बाजार से बीज खरीदने की स्थिति बनती जा रही है. जिन इलाकों में सिंचाई के साधन हैं, उन इलाके के किसान तो बाजार से उन्नत प्रभेद के बीज खरीदकर बिचड़ा तैयार करने के लिए खेत में डालने की तैयारी भी कर चुके हैं.

पूरे संताल में धान की खेती के लिए 43850 क्विंटल बीज की डिमांड

संताल परगना में खरीफ के मौसम में मुख्य रूप से धान की खेती ही होती है. धान की खेती के अलावा कुछ किसान मक्का, अरहर, मूंग, उरद, कुल्थी, मडुवा, ज्वार व बाजरे की खेती करते हैं. पर धान की खेती की तुलना में मकई को छोड़ अन्य उपज की मात्रा काफी कम होती है. धान की खेती संताल परगना में किसान पूरी तरह मानसून पर ही निर्भर होकर करते हैं. पिछले कुछ सालों से बीज की उपलब्धता ससमय सरकारी स्तर पर हो रही है, जिससे दुमका के किसानों को इस बार भी लैम्पस-पैक्स से बीज मिल जाने की आस थी. इस बार भी विभिन्न जिलों ने किसानों को उपलब्ध कराने के लिए एमटीयू 7029 प्रभेद के ही बीज की सबसे अधिक डिमांड रही है. इसके अलावा एमटीयू 1010, ललाट, सहभागी व अभिषेक जैसे प्रभेद की भी डिमांड की गयी है. दुमका जिले ने सर्वाधिक 14000 क्विंटल धान के बीज की डिमांड की थी, पर ड्राफ्ट लगाने में यह जिला फिसड्डी निकल गया और दूसरे जिले पहले आओ पहले पाओ के फार्मूले में बीज प्राप्त कर बंटवाते भी जा रहे हैं.

दुमका को आवंटित होने हैं ये बीज

एजेंसी-फसल- प्रभेद-मात्रा
राष्ट्रीय खाद्य निगम-धान-एमटीयू 7029-400
राष्ट्रीय खाद्य निगम-धान-एमटीयू 1010-600
एचआइएल नई दिल्ली-अरहर-आइपीए 203-100
राष्ट्रीय खाद्य निगम-मूंगफली-गिरनार 04-़100
एनसीसीएफ नई दिल्ली-संकर धान-बायो 799-100
एचआइएल नई दिल्ली-संकर धान-DRRH2-100
एचआइएल नई दिल्ली-संकर धान-DRRH3-100
एनसीसीएफ नई दिल्ली-संकर मक्का-बायो 9544-100

राष्ट्रीय खाद्य निगम-रागी-मडुआ 376-400

क्या है इस बार खरीफ को लेकर विशेषज्ञों की राय

इस बार खरीफ के मौसम में अच्छी बारिश के आसार हैं. हालांकि शुरूआती दिनों में यानी जून व जुलाई के आरंभिक दिनों में बारिश को लेकर अनिश्चितता भी हो सकती है, लेकिन उसके बाद इस साल मानसून किसानों का भरपूर साथ देगी. संयुक्त कृषि निदेशक सह भूमि संरक्षण विभाग के निदेशक अजय कुमार सिंह ने बताया कि किसान इस बार धान का बिचड़ा वैसे स्थान पर ही तैयार करें, जहां पर्याप्त नमी हो या सिंचाई के साधन हों. संयुक्त कृषि निदेशक से मिली जानकारी के मुताबिक दुमका जिले से लैम्पस की ओर से बीज के लिए ड्राफ्ट भेजने में अनावश्यक विलंब किया गया, इस वजह से बीज की आपूर्ति अब तक नहीं हुई है. देर से ड्राफ्ट लगाये जाने की वजह से अब बीज भेजा जा रहा है. उम्मीद है दो-तीन दिनों के बाद दुमका में भी किसानों को धान के बीज उपलब्ध हो जायेंगे.

15 से 30 जून के बीच कर लें खेतों को तैयार

धान के लिए भूमि तैयार करें एवं उन्नत किस्मों के बीज का प्रबंध करें. धान का बिछड़ा तैयार करने हेतु उन्नत किस्में हैं – उंची भूमि हेतु (टांड) – बिरसा विकास धान 109, 110, 111, बिरसा धान 108 एवं वंदना; मध्यम भूमि हेतु (दोन 3 एवं दोन 2) सहभागी धान, आईआर 36, 64, ललाट, नवीन, बिरसामति, निचली भूमि हेतु (दोन 1) – राजश्री, स्वर्णा, संभा महरूरी का प्रयोग करें. बीजों की बुवाई से पहले फफूंदनाशक बाविस्टीन 2 ग्राम प्रति किलो बीज के दर से उपचार करें. समय से बोई जाने वाली सीधी बुवाई वाली धान (15 जून से 30 जून) के लिए खेतों की तैयारी करना शुरू करें. खेतों में 2 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद का प्रयोग करें. उर्वरक 24:12:8 किलोग्राम प्रति एकड़ के दर से डाले. यूरिया 52 किलोग्राम प्रति एकड़, एसएसपी 75 किलोग्राम प्रति एकड़ एवं पोटाश 15 किलोग्राम पर एकड़ के दर से डालें लेकिन यूरिया को 3 भागों में बांट कर फसल के विभिन्न अवस्थाओं में दें. मक्के की फसल को दीमक के प्रकोप से बचाने हेतु जुताई के समय इमीडाक्लोप्रिड 17.8 ईसी का 1.5 लीटर 25 किलोग्राम सूखे बालू में मिलकर खेत में प्रयोग करें. इसके अतिरिक्त अगर दीमक का आक्रमण शुरू हो, तो इसी कीटनाशक का प्रयोग करें.

अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान

तिथि-अधिकतम-न्यूनतम-मौसम
13 जून-41.0-29.0-आंशिक बादल छाये रहेंगे, तेज गर्जन के साथ छिटपुट बारिश की संभावना
14 जून-41.0-29.0-आंशिक बादल छाये रहेंगे, तेज गर्जन के साथ छिटपुट बारिश की संभावना
15 जून-40.0-29.0-आंशिक बादल छाये रहेंगे, तेज गर्जन के साथ छिटपुट बारिश की संभावना
16 जून-40.0-28.0- सामान्य बादल छाये रहेंगे, गरज के साथ बारिश होगी.

17 जून-39.0-28.0- सामान्य बादल छाये रहेंगे, बारिश होगी.

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