कोलकाता.
कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने बुधवार को राज्य के सरकारी कर्मचारियों के संबद्ध नेता को बड़ी राहत प्रदान की है. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने कहा कि अदालत की अनुमति के बिना पुलिस संग्रामी संयुक्त मंच के संयोजक भास्कर घोष को गिरफ्तार नहीं कर सकती. गौरतलब है कि राज्य सरकार के कर्मचारी, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए और उस पर मिलने वाले बकाया की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. राज्य के सरकारी कर्मचारियों के संगठन संयुक्त संग्रामी मंच के बैनर तले यह आंदोलन चल रहा है, जिसके संयोजक भाष्कर घोष हैं.बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान भाष्कर घोष के वकील ने दावा किया कि पुलिस उनके मुवक्किल और उनके सहयोगियों के खिलाफ झूठे आरोप लगा रही है, क्योंकि वे राज्य सरकार के कर्मचारियों की केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए भुगतान की वैध मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे थे.
श्री घोष के वकील ने दावा किया कि आंदोलन को तोड़ने के लिए उनके मुवक्किल के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किये गये हैं. इस बाद ही न्यायाधीश अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने भाष्कर घोष के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी समेत किसी भी तरह की कड़ी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है. हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस मामले में तय समय के अनुसार अपनी जांच जारी रख सकेगी. मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है