प्रतिनिधि, राघोपुर. स्वर्ण व्यवसायी सिंटू स्वर्णकार के हत्याकांड मामले में पुलिस ने मृतक के पिता द्वारा दिये आवेदन के आलोक में मृतक की पत्नी सह हत्यारोपित ज्योति को गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया, इसके बाद पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि भूपेंद्र मेहता सहित अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं उक्त घटना को लेकर मृतक के पिता चित नारायण स्वर्णकार ने बुधवार को राघोपुर थाना में आवेदन देकर उक्त घटना में कुल तीन लोगों को नामजद किया है. इसमें से पुलिस ने तत्काल एक हत्यारोपित मृतक की पत्नी ज्योति को गिरफ्तार कर लिया. मृतक के पिता द्वारा दिये आवेदन में बताया गया है कि तकरीबन आठ वर्ष पूर्व उनके पुत्र सिंटू का विवाह मधुबनी जिला के खुटौना थाना क्षेत्र के एकडेरा गांव निवासी बंशीलाल साह की पुत्री ज्योति के साथ हुआ था. कुछ वर्षो तक ज्योति यहां ठीक-ठाक रही. फिर अचानक उसके व्यवहार में दिन प्रतिदिन परिवर्तन होने लगा. बेवजह झगड़ा, झमेला व तांडव करना मायके भाग जाना आम बात हो गयी थी. तकरीबन डेढ़ वर्ष पूर्व ज्योति भागकर अपने मायके चली गयी थी, जहां से डौरी एक्ट के तहत ससुराल पक्ष के सदस्यों को झूठा केस में लपेट ली. बताया कि ज्योति के व्यवहार में अचानक परिवर्तन देखकर जब पता किया गया तो पता चला कि गांव के ही प्रमोद कुमार स्वर्णकार के साथ उसका नाजायज संबंध है. इसके बाद उन्होंने इसकी सूचना उसके मायके वालों को दी, लेकिन उल्टे मायके वालों ने उनके साथ ही गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देने लगे. हालांकि, बाद में दोनों पक्षों ने बैठकर मामले को सुलझा लिया. इसके बाद करीब छह माह से ज्योति सिंटू के साथ ही रहने लगी. सोमवार की देर रात्रि करीब तीन बजे उनकी छोटी पुत्रवधू चापाकल से पानी पीकर जैसे ही अपने कमरे में सोने गयी. इसी बीच गोली चलने की आवाज सुनाई दी, इसके तुरंत बाद उनकी छोटी पुत्रवधू प्रीति कुमारी ने ज्योति के कमरे का दरवाजा खटखटाया तो ज्योति दरवाजा खोलकर भागने का प्रयास करने लगी और कहने लगी कि सिंटू को किसी ने गोली मार दी है. वहीं इस घटना की जानकारी दूरभाष पर मिलने के बाद वे लोग भी करजाईन से अपने घर पहुंचे तो देखा कि सिंटू अचेतावस्था में बिस्तर पर पड़ा हुआ है और सिर से काफी खून जा रहा है. इसके बाद अन्य परिजनों के साथ मिलकर सिंटू को रेफरल अस्पताल राघोपुर लाया गया, जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया, लेकिन डीएमसीएच पहुंचने पर सिर में गोली लगने की वजह से उसे मृत घोषित कर दिया गया. आवेदक ने दिये आवेदन में आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी पुत्रवधू ज्योति कुमारी, प्रमोद स्वर्णकार और ज्योति के पिता बंशीलाल साह के आपसी मिलीभगत से इस घटना को अंजाम दिया गया है. वहीं परिजनों से मिली जानकारी अनुसार, ज्योति का गांव के ही प्रमोद स्वर्णकार के साथ पूर्व से ही अवैध संबंध था. इसे लेकर कई बार प्रमोद ने ज्योति के घर पहुंचकर उसके पति, देवर सहित अन्य परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दिया था. परिजनों ने बताया कि कई बार सिंटू द्वारा ज्योति को प्रमोद से फोन पर बात करते रंगे हाथ पकड़ा गया था, इसे लेकर कई बार पति पत्नी में विवाद हो चुका था. एक पंचायत भी हुई, इसमें प्रमोद को पंचों द्वारा जुर्माना भी सुनाया गया था, लेकिन प्रमोद या ज्योति कोई भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था. परिजनों को आशंका है कि दोनों ने मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. कहते हैं थानाध्यक्ष मामले में थानाध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि मृतक के पिता द्वारा दिये गये आवेदन के आलोक में कांड दर्ज कर ज्योति को गिरफ्तार कर लिया गया है, उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया की जा रही है. अन्य हत्यारोपित के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, जल्द ही सभी हत्यारोपित को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
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