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विश्व रक्तदाता दिवस कल, मिथक तोड़ करें रक्तदान

हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. ताकि रक्तदान को बढ़ावा दिया जा सके.

मधुबनी. हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है. ताकि रक्तदान को बढ़ावा दिया जा सके. यह स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्तदाताओं का ध्यान, जीवन और मानवता का जश्न मनाने के लिए आकर्षित करने का एक साधन है. इस दिन न केवल लोगों को रक्तदाताओं को उनके दयालु कार्यों के लिए धन्यवाद देने में मदद करता है बल्कि यह सुरक्षित रक्तदान प्रथाओं के बारे में जागरूक भी करता है. विश्व रक्तदाता दिवस मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2004 में की गई थी. इस संबंध में ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. कुणाल कौशल ने लोगों से मिथक तोड़कर रक्तदान करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि रक्तदाता रक्तदान कर खुद को स्वस्थ रखने के साथ ही दूसरों की जान भी बचाते हैं. रक्तदान से हर्ट अटैक के खतरे से भी बचाव होता है. विश्व रक्तदाता दिवस वर्ष 2024 की थीम दान के उत्सव के 20 साल रक्तदाताओं को धन्यवाद रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइंस के अनुसार रक्तदान करने वालों को कई तरह की सुविधाएं भी दी जा रही हैं. जरूरत है लोग बढ़ चढ़ कर रक्तदान करें. दुनिया में खून की जरूरत पूरा करने के लिए लोग रक्तदान करते हैं. रक्तदाता के रक्तदान करने के जज्बे को सम्मान देने के लिए 14 जून को वर्ल्ड ब्लड रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. ब्लड बैंक के प्रभारी डा. कुणाल कौशल ने कहा कि रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. रक्तदान करने के बाद शरीर में नये रक्त का निर्माण होता है. इससे शरीर की कोशिकाओं को मजबूती मिलती है. रक्तदान करने वाले लोगों को ध्यान रखना होगा कि वे स्वस्थ रहें. एक स्वस्थ व्यक्ति 18 साल की उम्र के बाद से रक्तदान कर सकते हैं. उनका वजन 45 से 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए. इसके अलावे रक्तदान करने वालों को एचआइवी, हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी जैसे रोग नहीं हुआ हो. रक्तदान करने वाले को शरीर में आयरन की मात्रा को बढ़ाना चाहिए. नियमित रूप से रक्तदान करने वालों को मछली, पालक व किशमिश जैसी आयरन से भरपूर पोषक तत्व लेने चाहिए. मिथक तोड़ बेफिक्र होकर करें रक्तदान सिविल सर्जन डाॅ नरेश कुमार भीमसारिया ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सभी युवाओं को रक्तदान में अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेना चाहिए. रक्तदान महादान की श्रेणी में आता है. रक्तदान करने से जरूरतमंदों की मदद मिलती है. साथ ही रक्तदाता कार्ड प्राप्त करने से भविष्य में अपने या परिवार के लिए जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रक्तदान से कमजोरी आती है, इस मिथक को तोड़ बेफिक्र होकर रक्तदान करें. क्योंकि रक्तदान से रक्तदाता को स्वास्थ्य लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि जिले में थैलेसीमिया के 35 मरीज हैं. जिन्हें हर माह ब्लड बैंक से लगभग सौ यूनिट ब्लड निःशुल्क दिया जाता है. साथ ही अन्य मरीजों को भी रक्त उपलब्ध कराया जाता है.

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