रांची. दलबदल मामले में मांडू विधायक जेपी पटेल और शिकायतकर्ता व प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी को स्पीकर रवींद्र नाथ महतो के न्यायाधीकरण को 28 जून तक अपना पक्ष रखना होगा. स्पीकर के न्यायाधीकरण ने निर्धारित तिथि तक लिखित व उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. पिछले दिनों मांडू विधायक ने दलबदल मामले में जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था. लेकिन स्पीकर के न्यायाधीकरण ने दोनों पक्ष को तीन सप्ताह का समय दिया है. जेपी पटेल भाजपा की टिकट पर मांडू से चुनाव जीत कर आये थे. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और हजारीबाग से चुनाव लड़े. वह विधानसभा में भाजपा के सचेतक थे. इस मामले को लेकर प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने श्री पटेल पर 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल की शिकायत स्पीकर से की. श्री बाउरी का कहना था कि वह वर्तमान में भाजपा के विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस में शामिल हुए. भाजपा का अरोप था कि इससे संबंधित खबरें और मीडिया कवरेज भी सामने आया है. भाजपा में रहते हुए कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना 10वीं अनुसूची का उल्लंघन है. स्पीकर श्री महतो ने इस मामले में दोनों पक्षों को नोटिस भेजा था. इसके बाद पक्ष रखने को कहा गया था. स्पीकर की ओर से दो बार समय दिया गया, लेकिन जेपी पटेल की ओर से समय मांगा जा रहा है.
ढुलू महतो ने विधायकी से दिया इस्तीफा
धनबाद से सांसद चुने गये ढुलू महतो ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. श्री महतो बाघमारा से विधायक थे. उन्होंने बुधवार को स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को अपना इस्तीफा सौंपा. इससे पहले हजारीबाग से लोकसभा का चुनाव जीतने वाले मनीष जायसवाल ने इस्तीफा दिया था. लोकसभा चुनाव में चार विधायक सांसद बन कर दिल्ली पहुंचे हैं. इसमें भाजपा से ढुलू महतो व मनीष जायसवाल भी हैं. वहीं झामुमो से विधायक जोबा माझी और नलिन सोरेन ने सांसद का चुनाव जीत दिल्ली की राह पकड़ी है. श्रीमती माझी और श्री सोरेन ने अब तक अपना इस्तीफा विधानसभा को नहीं सौंपा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है