भागीरथी महतो, चाईबासा
शहर के सेनटोला व मंगलाहाट स्थित ऐतिहासिक जोड़ा तालाब नगरपालिका के उदासीन रवैये के कारण अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह तालाब करीब तीन एकड़ में फैला हुआ है. तालाब सफाई के अभाव में जलकुंभी और कचरे से भर गया है. तालाब का पानी दूषित होने के कारण काफी दुर्गंध आती है. दूषित पानी के बदबू से आसपास रहनेवाले लोगों का जीना मुहाल हो गया है. लोग नाक पर रूमाल दबाकर पार होते हैं. तालाब में लोग कचरों के अलावा मरे जानवरों को भी फेंक देते हैं. वहीं, खटाल संचालकों के द्वारा मवेशियों के मल-मूत्र को बहा दिया जाता है. इसके कारण तालाब का पानी काफी दूषित हो गया है. शहर की नालियों का मुंह भी उसी तालाब की ओर से मोड़ दिया गया है.2016 में पूर्व डीसी ने तालाब बचाने का चलाया था अभियान
मालूम हो कि वर्ष 2016 में शहर के लोगों की मांग व जल समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने तालाब को बचाने का अभियान चलाया था. पूर्व उपायुक्त अबु बक्कर सिद्दिक पी ने खुद तालाब का निरीक्षण कर तालाब किनारे लगे खटाल को हटाने का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद जिला प्रशासन व नगरपालिका की ओर से अतिक्रमण अभियान चला कर खटाल को हटाया गया. कुछ दिन बाद दोबारा खटाल लगाया गया. तालाब में जमी जलकुंभी को भी साफ किया गया था. इसके बाद तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए तालाब किनारे लाइट लगाने की योजना बनायी गयी. जिसका डीपीआर भी तैयार किया गया था. लेकिन सारी योजना फेल हो गयी.क्या कहते हैं शहरवासी
शहर के जोड़ा तालाब की हालत नगरपालिका के उदासीन रवैये के कारण बदहाल है. एक समय नहाना-धोना व मछली पालन होता था. लोग कचरों को तालाब किनारे फेंकने लगे. जिससे आज तालाब का हाल खराब है. -मुन्ना मोहंती———————————जोड़ा तालाब में बचपन में खूब नहाया करता था. पानी इतना साफ था कि सिक्का गिरने पर ऊपर से ही दिख जाता था. चारों ओर नहाने के लिए पक्के घाट बने थे. शहर का गंदा पानी जोड़ा में ही आने लगा. जिससे पानी खराब हो गया. -राजीव दास
——————————————जोड़ा तालाब में महिलाएं नहाने व कपड़े धोने के लिए जाती थीं. पानी काफी साफ हुआ करता था. तालाब के पानी को पीने के उपयोग में भी लोग करते थे. देखरेख व साफ-सफाई के अभाव में जलकुंभी से भर गया है. –पुतुल देवी—————————————————-तालाब का पानी दूषित हो गया है. पानी के बदबू से लोग परेशान रहते हैं. मरे जानवरों की बदबू से संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है. तालाब किनारे लोग शौच कर देते हैं. जिससे दिक्कत होती है. -अंजलिका देवी
———————————-तालाब किनारे कचरों से मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है. रात को बिना मच्छरदानी के सो नहीं सकते हैं. तालाब में गंदगी फैल गयी है. तालाब किनारे रहनेवाले लोग घरों की खिड़की बंद कर देते हैं. -लक्खी मोहंती
—————————————तालाब जलकुंभी से भरे रहने पर दूर से पूरा हरा नजर आता है. ऐसा लगता है कि मानो ग्रीन पार्क का नजारा ले रहे हैं. इसकी वजह तालाब के किनारे लगे खटाल व शहर का गंदा पानी है. -मीता देवी
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