रांची. बाल श्रम एक गंभीर समस्या है. यह हमारे समाज के भविष्य को प्रभावित करता है. हमारे देश के बच्चों को शिक्षा, खेलकूद और बचपन जीने का अधिकार है, लेकिन बाल श्रम उनसे ये चीजें छीन लेता है. बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सबकी ओर से संयुक्त पहल आवश्यक है. ये बातें श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहीं. वह बाल श्रम निषेध दिवस पर बुधवार को कैपिटोल हिल में आयोजित हितधारकों के संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. इसका आयोजन झारखंड सरकार,आइएलओ जापान तथा बाल कल्याण संघ की ओर से किया गया था.
बाल श्रमिक नहीं होने का शपथ पत्र देंगे पदाधिकारी
कार्यशाला में श्रम विभाग की ओर से पहल की गयी कि श्रम विभाग के सभी अधिकारी/ पदाधिकारी यह शपथ लिखकर देंगे कि उनके यहां कोई बाल श्रमिक काम नहीं करता है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने भी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किये. इस मौके पर श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में और भी ठोस कदम उठाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कानून के पालन के साथ समाज में जागरूकता भी जरूरी है. श्रम विभाग में कई योजनाएं और नीतियां लागू की गयी हैं, जिनका उद्देश्य बाल श्रम को खत्म करना और बच्चों को शिक्षा तथा स्वास्थ्य की ओर प्रेरित करना है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक शशि शेखर झा ने कहा कि बच्चों को उनका नैसर्गिक बचपन मिल सके, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है.
बाल श्रम एक वैश्विक समस्या
सीआइडी एसपी निधि द्विवेदी ने कहा कि बाल श्रम समाज का भविष्य भी गर्त में डालता है. आइएलओ के जीवोनी सोलीडेड ने कहा कि बाल श्रम एक वैश्विक समस्या है. बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने बाल श्रम और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में बाल श्रम से उबर कर अब इसके खिलाफ जागरूकता फैलानेवालों बच्चों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में एनजीओ के प्रतिनिधि और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग विभाग के पुलिस पदाधिकारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
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