टुंडी. टुंडी पहाड़ को हाथियों के लिए विश्राम स्थल माना जाता है. जब भी हाथियों के झुंड में कोई हथिनी गर्भवती होती है, इसी तरह की जगह में आकर प्रसव करती है. पिछले तीन चार वर्षो में दो बार गर्भवती हथिनी ने यहां बच्चे को जन्म दिया है. टुंडी पहाड़ के ऊपर ऋषिभीठा और कठरगडकी जोरिया में एक और चेकडेम बनाया गया है, जबकि रिजर्वावायर यानी रिजर्व जलाशय का निर्माण किया जा रहा है. यह डेढ़ सौ फीट लम्बा व चौड़ा जबकि गहराई बारह से बीस फीट होगा. प्रभारी वनपाल गोविंद मिस्त्री ने बताया की यह कार्य पहाड़ के ऊपर ही हो रहा है. चेकडैम दो और रिजर्वायर हो जाने से प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकेगा. इस निर्माण कार्य को हाथी करिडोर के पहले चरण के रूप में देखा जा रहा है.
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