जामताड़ा. ओलचिकि लिपि संताली भाषा शिक्षक संघ, जामताड़ा ने गुरुवार को समाहरणालय के समीप एक बैठक की. मौके पर लखन हेंब्रम ने कहा कि वर्ष 2019 में ओलचिकि के लिए जिले भर में 134 शिक्षकों का चयन किया गया था. विभाग की ओर से सभी चयनित शिक्षकों को स्कूल भी चयन कर दिया गया था, लेकिन योगदान नहीं हो सका था, जिससे आज भी चयनित शिक्षक विभाग का चक्कर लगा रहे हैं. चयनित शिक्षकों ने निर्णय लिया कि आने वाले दिनों में सरकार के विरोध में झारखंड उच्च न्यायालय जायेंगे. कहा मामले को लेकर विधायक, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गये, लेकिन किसी ने इस पर विचार नहीं किया. अब झारखंड उच्च न्यायालय के शरण में जायेंगे, ताकि सभी ओलचिकि के लिए चयनित शिक्षकों के पक्ष में कुछ हल निकल सके. लखन हेंब्रम ने कहा कि जिले में 134 ओलचिकि लिपि के शिक्षकों का चयन अंतरवीक्षा के माध्यम से किया गया था. उपायुक्त जामताड़ा की सहमति पर घंटी आधारित शिक्षक के रूप में चयन कर लिया गया. चार वर्ष पूरा होने जा रहा है. जिला से लेकर राज्य स्तर अपनी बातों को रखने का प्रयास किया गया, लेकिन अभी तक छात्रहित में या भाषा हित में कुछ नहीं हो रहा है. सभी बेरोजगारी का दंश झेलते हुए भटक रहे हैं. चयनित शिक्षकों ने सरकार से संबंधित विद्यालय में योगदान कराने की मांग की है. मौके पर बालेश्वर बेसरा, प्रेम प्रकाश सोरेन, विश्वजीत मरांडी, सुलेखा मरांडी, शीला टुडू, आरती हांसदा, जयदेव टुडू, जितलाल मुर्मू, दुर्याेधन बास्की आदि मौजूद थे.
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