शहर में पानी को लेकर मचा हाहाकारचतरा. शहर में पेयजल संकट बरकरार है. पानी को लेकर हाहाकार मचा है. शहर में 25 दिनों से पेयजलापूर्ति ठप है, जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पानी की व्यवस्था करने में लाेगों के पसीने छूट रहे हैं. अधिकतर चापानलों ने जवाब दे दिया है. कई चापानलों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे मशक्कत के बाद एक-दो बाल्टी पानी निकल पा रहा है. कई लोग आरओ वाटर खरीद कर अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं. वहीं नगर परिषद की ओर कुछ मुहल्लों में टैंकर से पानी पहुुंचाया जा रहा है. स्थिति यह है कि सुबह होते ही लोग पानी की जुगाड़ में लग जाते हैं. महिलाएं सिर पर गैलन लेकर पानी ला रही हैं. कई लोग साइकिल, बाइक, टेंपो, ठेला से पानी का गैलन ढाे रहे हैं. बता दें कि शहर का लाइफ लाइन कहा जाने वाला हेरू डैम फरवरी माह के अंत में ही सूख गया है. इसके बाद भेड़ीफॉर्म स्थित लक्ष्मणपुर डैम से शहर में पेयजलापूर्ति शुरू की गयी थी. लक्ष्मणपुर डैम भी मई महीना में सूख गया. दोनों डैमों के सूख जाने से पेयजलापूर्ति पूरी तरह से ठप है. पेयजलापूर्ति ठप होते ही शहर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं लोग पानी की समस्या दूर करने में पीएचइडी व नगर परिषद कोई ध्यान नहीं दे रहा है. हालांकि नगर परिषद कुछ मुहल्लों में टैंकर से पानी पहुंचा रहा है, जो पर्याप्त नहीं है. कई समाजसेवी इन दिनों मुहल्लों में टैंकर भेज कर पानी वितरण करा रहे हैं. मुहल्लों में टैंकर आते ही लोग बर्तन व गैलन लेकर दौड़ पड़ते हैं. चिलचिलाती धूप में भी लोग टैंकर से पानी लेने के लिए कतार में खड़े रहते हैं. कई मुहल्लों में पानी के लिए लोग आपस में उलझ जा रहे हैं. इधर, पानी संकट दूर करने में पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है. जनप्रतिनिधियों द्वारा पानी से निजात दिलाने के लिए कोई पहल नहीं किये जाने से लोगों में रोष है.
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