मुजफ्फरपुर. मुशहरी के आंबेडकर बालिका आवासीय छात्रावास में 15 मई को महादलित छात्रा पूनम की संदेहास्पद स्थितियों में हुई मौत की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग भाकपा माले ने की. गुरुवार को भाकपा-माले, आइसा व ऐपवा ने संयुक्त रूप से डीएम कार्यालय के समक्ष धरना भी दिया. इसका नेतृत्व पश्चिम चंपारण के सिकटा से माले विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने किया. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा छलावा है. आवासीय विद्यालय में भी दलित-महादलित छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं. पूनम की मौत को प्रशासन आत्महत्या बता रहा है, जबकि उसके पिता लालजी मांझी का आरोप है कि बेटी की हत्या हुई है. रात में रह रहे पुरुषकर्मियों को हटायें धरना में मृतका के मां-पिता और गांव से आये परिजन भी शामिल थे. माले विधायक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से मिल कर मांग-पत्र देकर वार्ता की. प्रतिनिधिमंडल ने मृतक छात्रा के परिजन को 25 लाख रुपये मुआवजा देने, जिले के सभी आंबेडकर व कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालयों में समग्र सुरक्षा की गारंटी देने, बालिका आवासीय विद्यालयों में रात्रि में रह रहे पुरुषकर्मियों को हटाने की मांग की. ये थे मौजूद प्रतिनिधि मंडल में विधायक वीरेंद्र गुप्ता, खेग्रामस राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, रसोइया संघ के जिला सचिव परशुराम पाठक, मुशहरी प्रखंड माले सचिव विमलेश मिश्र शामिल थे. धरने में माले जिला सचिव कृष्णमोहन, नगर सचिव सूरज सिंह, जितेंद्र यादव, होरिल राय, रामबालक सहनी, रामबली मेहता, विजय गुप्ता, विनय वर्मा, शत्रुघ्न महतो, ऐपवा के जिला सचिव रानी प्रसाद, गीता, आइसा के दीपक कुमार, नीरज गुप्ता, नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष विवेक, शफीकुर रहमान, जितेंद्र, अधिवक्ता मनोज मिश्र आदि थे.
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