सीतामढ़ी. जिला मुख्यालय से सटे डुमरा प्रखंड अंतर्गत हरि छपरा स्थित श्री सीताराम नाम सुखधाम आश्रम श्री मुठिया बाबा की कुटिया में आयोजित नौ दिवसीय श्री सीताराम नाम रूप लीला धाम महायज्ञ के नौवें और अंतिम दिन लुधियाना से पधारे हुए श्री पुनित जी महाराज भक्तमाली ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ध्यान से मन की शुद्धि होती है और शरीर की शुद्धि स्नान से होती है. परोपकार से भी मन की मलीनता पूर्णतया नहीं धुलती है, इसलिए ध्यान और जप की आवश्यकता है. जप करने से जन्म कुंडली के सारे ग्रह भी सुधर जाते हैं, शरीर आरोग्य हो जाता है, द्रव की सुख मिलता है. मनुष्य में पराक्रम की सिद्धि, कीर्ति और ज्ञान मिलती है. जिस देव का जाप करते हैं, उस देव के शगुन स्वरूप का साक्षात्कार होता है. मुठिया बाबा ने कहा कि जननी जानकी जी की इस प्राकट्य स्थली पर एक माला का जाप करने से सहस्त्रनाम जप का फल मिलता है. कथा के दौरान बक्सर के संत श्री राजाराम शरण जी, अयोध्या जी से आए संत अजय शरण जी, भागलपुर से आए संत रामानंद शरण जी, रामेश्वर शरण जी, चित्रकूट के रामदुलारी शरण, सिया रघुनंदन शरण, श्री जानकी शरण जी महाराज, चंदन, दिनेश प्रसाद बेरवास, राम रसिक शरण जी, कथा के मुख्य यजमान डॉ रामबरन सिंह तथा मृदुल सखी, द्वितीय यजमान डॉ घनश्याम पमरा, माधव दास, मैथिली शरण, अवधेश कुमार शरण, महंत दिनेश दास, महंत रामेश्वर दास, राम बालक दास, लालबाबू मुखिया, कामेश्वर, वृंदावन धाम से आये रामानुज, अवधेश शरण जी व महंत भूषण दास जी समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. महाभंडारे के साथ महायज्ञ संपन्न हुआ.
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