समस्तीपुर. शहर के महिला कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित भगिनी निवेदिता व्यक्तित्व विकास शिविर में गुरुवार को छात्राओं को संगीत का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए प्रिया कुमारी ने कहा कि संगीत महज हॉबी ही नहीं है. इसका संबंध मानव मस्तिष्क के विकास से भी है. संगीत एक कला है जो लय, धुन, सामंजस्य और रंग के तत्वों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को विभिन्न रूपों में प्रदर्शित करने से संबंधित है. संगीत आपका अपना अनुभव है, आपके अपने विचार हैं, आपकी बुद्धि है. अगर आप इसे नहीं जीयेंगे, तो यह आपके कानों से नहीं निकलेगा. वे आपको सिखाते हैं कि संगीत की एक सीमा रेखा होती है. लंदन विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिकों ने एक अध्ययन किया, जिसमें पता चला कि संगीत का एक छोटा सा अंश सुनते समय भी, एक व्यक्ति अपने सामने वाले व्यक्ति में उदासी या खुशी का अनुमान लगा सकता है, भले ही उस व्यक्ति के चेहरे पर तटस्थ भाव हो. संगीत की प्रशिक्षिका नेहा चंद्रन एवं सुमन कुमारी ने कहा कि संगीत कई लोगों के लिए एक थेरेपी है क्योंकि यह खुशी, सकारात्मकता और मनोरंजन लाता है. यह भावनाओं को अपने साथ लेकर विभिन्न समस्याओं का समाधान करता है. यह अवसाद, आघात और चिंता में सहायक हो सकता है. इसने विशेष रूप से सक्षम लोगों की मदद की है जो जब भी संगीत बजता है, तो उस पर प्रतिक्रिया करते हैं. संगीत की दुनिया एक आकर्षक और पुरस्कृत क्षेत्र है जिसमें आत्माओं को छूने और लाखों लोगों को प्रेरित करने की शक्ति है. मौके पर कुमकुम कुमारी, कोमल कुमारी, कोमल राय, रिया राज, ईरा प्रकाश, सुमन कुमारी सहित दर्जनों छात्राएं मौजूद थीं.
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