NEET-UG Controversy: नीट-यूजी परीक्षा को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया कि उसने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 अभ्यर्थियों को दिये गये ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिये हैं.
NEET-UG Controversy: 1563 स्टूडेंट्स को ई-मेल भेजेगा एनटीए
केंद्र ने यह भी कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों के पास या तो दोबारा परीक्षा देने या नष्ट हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए उन्हें दिये गये ग्रेस मार्क्स को छोड़ने का विकल्प होगा. इन परीक्षार्थियों के लिए 23 जून को दोबारा परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसे लेकर एनटीए जल्द ही एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा और इन 1563 उम्मीदवारों से ई-मेल के माध्यम से संपर्क करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें आधिकारिक संचार प्राप्त हो.
6 जुलाई से होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाने से कोर्ट का इंकार
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर कई राज्यों के हाइकोर्ट में भी याचिकाएं दायर की गयी हैं. ऐसे में जहां भी ग्रेस मार्क्स को लेकर याचिका लगायी गयी है, वहां सुप्रीम कोर्ट का आदेश ही लागू होगा.
ग्रेस मार्क्स वापस लेने के बाद शीर्ष अंकों वाले छात्रों की संख्या 61 रह जायेगी
एनटीए द्वारा 1,563 छात्रों को दिये गये ग्रेस मार्क्स वापस लेने के निर्णय के बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक पाने वालों की संख्या 67 से घटकर 61 हो जायेगी. ऐसे अभ्यर्थियों के पास दोबारा परीक्षा देने या बर्बाद हुए समय की क्षतिपूर्ति के लिए उन्हें दिये गये ग्रेस मार्क्स को छोड़ने का विकल्प होगा. अधिकारी ने कहा कि जब तक ये अभ्यर्थी पुनःपरीक्षा नहीं देते और 720 में से 720 अंक नहीं लाते, तब तक वे अपना शीर्ष स्थान पुनः प्राप्त नहीं कर पायेंगे. इन 1,563 विद्यार्थियों में से हरियाणा के एक केंद्र से मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए छह छात्रों ने 61 अन्य के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान प्राप्त किया था.
अहम सवालों पर सुप्रीम कोर्ट में एनटीए का जवाब
क्या परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी हुई है?
पेपर लीक के आरोप गलत हैं. परीक्षा तय मानकों के आधार पर हुई है. राजस्थान के एक केंद्र पर हिंदी की जगह अंग्रेजी का पेपर पहुंच गया था, लेकिन पेपर लीक नहीं हुआ है.
67 अभ्यर्थियों को रैंक-1 कैसे मिली?
जिन 67 अभ्यर्थियों को 67 अंक मिले हैं, उन सभी को टॉपर नहीं माना जायेगा. 67 में से 44 अभ्यर्थियों को ‘आंसर की’ में बदलाव होने की वजह से बोनस अंक मिले हैं. इस वजह से इन छात्रों ने परफेक्ट स्कोर किया है.
44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स किस आधार पर मिले?
परीक्षा में केमिस्ट्री के सेक्शन में एटम से संबंधित एक सवाल पूछा गया था. ‘आंसर की’ में पहला ऑप्शन सही था. पुरानी एनसीइआरटी किताब के हिसाब से तीसरा विकल्प सही था. तीसरा विकल्प चुनने वालों को बोनस अंक मिले हैं.
एक ही केंद्र से छह छात्रों को रैंक-1 कैसे मिली?
यह केवल संयोग है. जिस केंद्र से छह टॉपर्स निकले हैं, उसका औसत रिजल्ट बाकी केंद्रों के रिजल्ट से पहले से ही ज्यादा है.
अधिकतम अंक 720 या 716 हो सकता है. 718 या 719 अंक कैसे मिले?
तकनीकी दिक्कतों की वजह से जिन अभ्यर्थियों का समय बर्बाद हुआ, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिये गये. इस वजह से अधिकतम अंक 718 या 719 हो गये हैं.
तारीख से पहले रिजल्ट क्यों जारी किया गया?
23 लाख छात्रों की नामांकन प्रक्रिया समय से पूरी हो, इसलिए परीक्षा का परिणाम 30 दिनों में ही घोषित कर दिया गया.
ग्रेस मार्क्स पाने वालों के पास अब ये दो ऑप्शन
- ग्रेस मार्क्स पाने वाले अभ्यर्थी या तो एनटीए द्वारा 23 जून को लिये जाने वाले रिएग्जाम में बैठ सकते हैं.
- या बिना ग्रेस मार्क्स वाले पुराने स्कोर के साथ ही काउंसिलिंग में भाग ले सकते हैं.
परीक्षा में पेपर लीक के सबूत नहीं : धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को नीट-यूजी में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं है. एनटीए में भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं. यह बहुत ही प्रामाणिक संस्था है. सरकार सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी छात्र का नुकसान नहीं हो.
तीन याचिकाएं की गयी हैं दायर
- परिणामों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में बने पैनल
- परिणामों को वापस लेने और नये सिरे से परीक्षा लेने को लेकर
- समय बर्बाद होने के लिए ग्रेस मार्क्स दिये जाने को चुनौती
ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुनवाई हुई, अन्य याचिकाओं पर 8 जुलाई को
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुनवाई हुई. बाकी लंबित याचिकाओं को एकसाथ संबद्ध कर दिया गया. सभी याचिकाओं पर आठ जुलाई को एक साथ विचार किया जायेगा.
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