राज्यपाल ने मुख्य सचिव व गृह सचिव से मांगी रिपोर्ट
संवाददाता, कोलकाता
लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य के कई जिलों से हिंसा की खबरें आ रही हैं. राज्य में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता विशेष कर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं. इन घटनाओं की शिकायत राज्यपाल से करने के लिए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी 200 पीड़ितों के साथ गुरुवार को राजभवन जाने वाले थे. लेकिन कोलकाता पुलिस ने राजभवन के आस-पास के क्षेत्र में धारा 144 लागू होने का हवाला देते हुए शुभेंदु अधिकारी को राजभवन के प्रवेश द्वार के पास आने से रोक दिया और अंतत: उनको राजभवन के अंदर नहीं जाने नहीं दिया गया.
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह कोलकाता पुलिस के मनमाने फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे. वह राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की मांग करने वाले थे, ताकि वे घर लौट सकें. श्री अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एक घंटे से ज्यादा समय तक इंतजार किया है, लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया. श्री अधिकारी ने दावा किया कि उन्होंने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था और राज्यपाल ने 200 पीड़िताें को राजभवन लाने की अनुमति दी थी. लेकिन राज्यपाल की अनुमति के बावजूद उन्हें राजभवन में प्रवेश नहीं करने दिया गया. पुलिस ने राज्य के संवैधानिक प्रमुख के निर्देशों का उल्लंघन करने की जुर्रत की है. उन्होंने राज्यपाल के दफ्तर से भी संपर्क किया. शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि राजभवन कार्यालय की ओर से उन्हें बताया गया है कि राज्यपाल ने घटना को लेकर राज्य के मुख्य सचिव व गृह सचिव से रिपोर्ट तलब की है.उन्होंने कहा कि हम यहां कोई रैली नहीं कर रहे थे. हम चुनाव बाद हुई हिंसा के करीब 200 पीड़ितों को लेकर आये हैं, जिन्हें राज्यपाल ने राजभवन में आने की अनुमति दी है.
भाजपा नेता ने चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों की तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि वह पुलिस के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे. उन्होंने कहा कि हमें लोकसभा चुनाव में 2.35 करोड़ लोगों का समर्थन मिला है, इसलिए यहां की तृणमूल कांग्रेस सरकार हमारी आवाज को इस प्रकार से नहीं दबा सकती. तृणमूल कांग्रेस सरकार इतना तानाशाही पूर्ण तरीके से व्यवहार नहीं कर सकती कि वे हमें राजभवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहे.
श्री अधिकारी ने पुलिस प्रशासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कोलकाता पुलिस के अधिकारियों द्वारा किये गये इस कार्रवाई के लिए धन्यवाद. क्योंकि उन्होंने ऐसा करके यह साबित कर दिया है कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं है. पुलिस की कार्रवाई ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के फासीवादी चरित्र को उजागर किया है.
भाजपा नेता ने कहा कि हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि राज्य में दो तरह के नियम कैसे हैं. पिछले साल अभिषेक बनर्जी ने राजभवन के बाहर धरना दिया था. उस समय धारा 144 का उल्लंघन नहीं हुआ था, लेकिन जब हम राज्यपाल से मिलना चाहते हैं तो निषेधाज्ञा का उल्लंघन होता है.
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