19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Cancer Risk: अगर आप बच्चों को टैल्कम पाउडर लगाते हैं, तो हो जाएं सावधान, इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है?

Cancer Risk: एस्बेस्टस सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है, तो यह कैंसर के ख़तरे को बढ़ा सकता है, इसलिए कॉस्मेटिक कंपनियों को खनन स्थलों का सावधानीपूर्वक चयन करने और टैल्क का नियमित परीक्षण करने की ज़रूरत है.

Cancer Risk: क्या आप गर्मियों में अपने बच्चे को टैल्कम पाउडर लगाते हैं? अगर हां, तो हो जाएं सावधान, हाल ही में हुए अध्ययनों में ऐसे तत्व पाए गए हैं, जिनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. टैल्कम पाउडर के अलावा पहले के अध्ययनों में कई अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों से भी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ने की बात सामने आई थी. हाल के वर्षों में वैज्ञानिक अध्ययनों में चिंता जताते रहे हैं कि कई कंपनियों के टैल्कम पाउडर (बेबी पाउडर) में एस्बेस्टस नामक तत्व हो सकता है. शोधकर्ता एस्बेस्टस को गंभीर बीमारियों को बढ़ाने वाला मानते हैं, इससे कैंसर का खतरा भी हो सकता है.

टैल्क और एस्बेस्टस के खतरे


गौरतलब है कि ‘टैल्क’ धरती से निकाला जाने वाला एक खनिज है. इसे नमी सोखने और घर्षण को कम करने में बहुत फायदेमंद माना जाता है, इसलिए कॉस्मेटिक कंपनियां अक्सर इसका इस्तेमाल बेबी पाउडर, आई शैडो और दूसरे उत्पादों में करती हैं. इसी तरह एस्बेस्टस भी टैल्क के समान खनिजों का एक समूह है जिसका भी खनन किया जाता है. यह अक्सर टैल्क वाले ही क्षेत्र में पाया जाता है. अध्ययनों से पता चला है कि अगर एस्बेस्टस सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करता है, तो यह कैंसर के ख़तरे को बढ़ा सकता है, इसलिए कॉस्मेटिक कंपनियों को खनन स्थलों का सावधानीपूर्वक चयन करने और टैल्क का नियमित परीक्षण करने की ज़रूरत है.

पाउडर में कैंसरकारी तत्व हो सकते हैं


वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग अक्सर पाउडर का इस्तेमाल करते हैं, उनके सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करने की संभावना ज़्यादा होती है. इससे शरीर में कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फ़ॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने भी इसे कार्सिनोजेनिक (कैंसर पैदा करने वाला) के रूप में सूचीबद्ध किया है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि टैल्क के खनन और प्रसंस्करण में शामिल लोगों को इन हानिकारक तत्वों के कारण कैंसर का ख़तरा ज़्यादा हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह खनिजों या भूमिगत अन्य चीज़ों के कारण है.

also read: Yoga Tips: अगर आपको गर्दन और पीठ में हमेशा रहता है…

डिम्बग्रंथि और पेट के कैंसर का भी ख़तरा


टैल्कम पाउडर के ख़तरों और इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर किए गए कई अध्ययनों के नतीजे मिले-जुले रहे हैं. शोधकर्ताओं ने कहा है कि टैल्क कुछ आयु वर्ग के लोगों में डिम्बग्रंथि के कैंसर के ख़तरे को बढ़ा सकता है. कुछ अध्ययनों में इसके कारण पेट के कैंसर के ख़तरे को भी दर्शाया गया है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी और अध्ययनों की ज़रूरत है. गौरतलब है कि टैल्क-आधारित पाउडर बनाने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों को लेकर हज़ारों मुक़दमों का भी सामना करना पड़ा है.

किस पाउडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए?


अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स बच्चों के लिए किसी भी तरह के पाउडर का इस्तेमाल न करने की सलाह देती है, चाहे वह टैल्क-आधारित हो या न हो. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को किसी भी तरह के पाउडर के कणों के साँस के ज़रिए शरीर में जाने से फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि टैल्कम पाउडर और कैंसर के बीच का संबंध 100 प्रतिशत स्पष्ट नहीं है, लेकिन इससे दूर रहना ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें