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मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों की स्थिति जर्जर, ओवरलोड बालू लदे वाहन और बिगाड़ रहे हालात

धानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिले में बनाई गई सड़कें इन दिनों जर्जर हालत में हैं. नदियों की तरफ जाने वाली रास्तों की स्थिति और बदतर है.

ठाकुरगंज.गांवों तक सुलभ आवाजाही के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिले में बनाई गई सड़कें इन दिनों जर्जर हालत में हैं. नदियों की तरफ जाने वाली रास्तों की स्थिति और बदतर है. बालू लदे ओवरलोड वाहन इनका दम निकाल रहे हैं. इन सड़कों पर गड्ढो की भरमार है. ग्रामीणों द्वारा सड़कों से बालू के ओवरलोड डंपर और ट्रैक्टर की आवाजाही रुकवाने के लिए प्रशासन को कई बार निवेदन भी किये गये. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती. लिहाजा लोगों के उपयोग के लिए बनी ये सड़कें बदहाल होते जा रही हैं. ग्रामीणों को यहां से वाहन निकालने में खासी दिक्कत होती है. गड्ढो में तब्दील हो रही इन सड़कों पर उठते धूल के गुब्बार यात्रा में परेशानी खड़ी करते हैं. इन दिनों पिपरिथान से कुकुरबाघी जाने वाली सड़क काफी जर्जर होती जा रही है. पिपरिथान से बादल चौक होते हुए बुटिझाडी तक की सड़क का हिस्सा और डिमहाट से कुकुरबाघी तक के सड़क के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क होकर पिछले एक साल से प्रतिदिन सैकड़ों डम्पर, ट्रक और ट्रैक्टर का परिचालन चौबीसों घंटा होता है. स्थानीय ग्रामीण अरुण सिंह, गुड्डु सिंह, मनोज सिंह, डॉ चंद्रकांत महतो, भवेश सिंह, चितरंजन सिंह, ओम कुमार महतो आदि ने बताया कि इन दिनों पथरिया पंचायत के मालाकाटा और कुकुरबाधी पंचायत के रंगियाकोट के डुमरिया नदी संग कई घाटों से बालू उत्घनन का कार्य किया जा रहा है जिसे लेकर इलाके में हो रहे विकास कार्यों में लगने वाली बालू के साथ पूर्णिया, अररिया के ट्रक निकलते है. इन ट्रकों में क्षमता से काफी ज्यादा बालू ढोया जाता है. जिससे यह सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. हाल ही में बनी इस ग्रामीण सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोड गाडियों का परिचालन लोगों को मुसीबत में डाल रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एक तो निर्माण ही गुणवत्ताहीन हुआ और अब ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से ये सड़क कम समय में ही गड्ढों में तब्दील हो गया. धूल उड़ने से बढ़ रही परेशानी इस सड़क पर भारी वाहनों के आवागमन से अत्यधिक मात्रा में धूल दिन रात उड़ती रहती है. सूखे दिनों में धूल के कारण सड़कों पर चलना तो मुश्किल होता ही है. सड़क के किनारे और आस-पास बने मकानों में धूल बैठती रहती है. इस धूल से लोगों में एलर्जी, अस्थमा और आंखों पर दुष्प्रभाव जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है. जिससे अस्पतालों में सांस और दमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. धूल से लोगों की आंखों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. सड़कों पर धूल का उड़ना जारी रहने से राहगीरों का सफर दुश्वार हो जाता है. मुख्य सड़क पर धूल का गुबार घुलने से सड़क किनारे व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भारी वाहनों के गुजरने से उड़ने वाली धूल उनकी दुकानों में रखी वस्तुओं में समा जाती है जिससे उनका सामान खराब हो जाता है. धूल लगने से खाद्य पदार्थ खराब हो जाते हैं तथा अन्य सामान भी गंदे हो जाते हैं. इससे धूल से सने सामान लेने से ग्राहक भी परहेज करते हैं. सड़क किनारे निवास करने वाले गांव कल्काडांगा, चुरलीहाट, बादल चौक, धुलासन, डिमहाट, खुर्सीडांगी, गंदूगछ, माता मेला ग्वालडांगी आदि गांवों के लोग लगातार परेशान हो रहे है. बाजार के बीच से पास होते है ओवरलोड ट्रक ग्रामीणों ने बताया कि बादल चौक पर दिन भर भीड़ लगी रहती है. सड़क के किनारे ही दुकाने लगने से यह इलाका हमेशा भीड़ से भरा रहता है. हालांकि चुरली हटिया में काफी जगह होने के बाबजूद अवैध रूप से बादल चौक पर बजारलगाया जा रहा है और जिस प्रकार से सैकड़ों डंफर चल रहा कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. ग्रामीणों ने बाजार को सिफ्ट करने की भी मांग की है.

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