मधेपुरा. अभाविप ने शुक्रवार को विभिन्न समस्याएं के निराकरण के लिए बीएनएमयू के कुलपति को मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र के अनुसार मंडल विश्वविद्यालय द्वारा बिना टेंडर के ही यूएमआइएस का टर्म एक साल के लिए बढ़ा दिया गया. इसके लिए न ही सिंडिकेट न ही सीनेट या किसी प्राधिकार की सिफारिश का जिक्र किया गया, जबकि यह सर्वविदित है कि राज्यपाल द्वारा यूएमआइएस की मनमानी व उसकी बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए वह इसी विश्वविद्यालय के सीनेट बैठक में बोलते हुए धांधली को उजागर किया. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुपचाप गुपचुप तरीके से एक साल का सेवा विस्तार कर दिया है. स्नातकोत्तर केंद्र पश्चिम परिसर सहरसा में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों को किसी भी प्रकार का कोई भी नामांकन व परीक्षा प्रपत्र भरने में छूट नहीं दी जाती है, जबकि राज्य सरकार द्वारा या स्पष्ट कर दिया गया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति व छात्राओं से किसी भी प्रकार की शुल्क स्नातकोत्तर स्तर तक में नहीं ली जायेगी. इसके बावजूद वहां के विभागाध्यक्ष और परिसर प्रभारी छात्राओं से इस प्रकार की राशि वसूली जाती है. उन्हें नामांकन के वक्त एवं परीक्षा पर पत्र भरने के वक्त जबरन पूरी की पूरी राशि देनी पड़ती है. विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर के चाहरदिवारी की ईंटें लगातार चोरी की जा रही है. जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन के कई पदाधिकारी की मिलीभगत है. पीजी नॉर्थ कैंपस के सभी विभागों में छात्र-छात्राओं का नामांकन एवं परीक्षा फार्म भरते समय कोई रसीद नहीं दिया जाता है. मौके पर प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भावेश झा, विभाग संयोजक सौरभ यादव, जिला संयोजक नवनीत सम्राट, प्रदेश कार्यकारिणी आमोद आनंद, नगर मंत्री अंकित आनंद, राजू सनातन आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है