राज्यस्तरीय खरीफ कार्यशाला का उद्घाटन
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि इस खरीफ मौसम में यूरिया 9.87 लाख एमटी, डीएपी 2.50 लाख एमटी, एमओपी 0.35 लाख एमटी, एनपीके दो लाख एमटी की आवश्यकता होगी. किसानों को उचित मूल्य पर समयानुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का कड़ाई से अनुपालन होगा. वे शुक्रवार को बामेती, पटना के सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय खरीफ कार्यशाला के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सात निश्चय-2 योजना के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए छोटी-छोटी नदियों से निकलने वाले नाले पर 30 फीट तक का 212 पक्के चेकडैम का निर्माण होगा. जहां चेकडैम का निर्माण नहीं हो सकेगा, वहां राज्य योजना से तालाब एवं कूप का निर्माण किया जायेगा. 207 तालाब एवं 100 कूप निर्माण की योजना अलग से स्वीकृत की जा रही है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जलछाजन क्षेत्र में 5792 जल संग्रहण संरचनाओं का प्रबंधन किया जायेगा. इस पर 200 करोड़ रुपये व्यय संभावित है. इस दौरान किसान चाचा और किसान चाची मैस्कॉट का लोकार्पण किया.
गांव-गांव में कृषि चौपाल लगेंगे: सचिव : कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि दो महीने से खरीफ मौसम की तैयारी की जा रही है. इस कार्यशाला के बाद गांव-गांव में किसान चौपाल का आयोजन होगा. खरीफ मक्का के लिए जिलों को ऊंची भूमि में क्लस्टर चयन करने का निर्देश दिया गया है. मौके पर कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेंद्र कुमार, संयुक्त निदेशक मनोज कुमार, कृषि मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, निदेशक, पीपीएम धनंजयपति त्रिपाठी, निदेशक बामेती आभांशु सी जैन, निदेशक बसोका सनत कुमार जयपुरियार, निदेशक भूमि संरक्षण, सुदामा महतो आदि मौजूद थे.
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