राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल ढोरी एरिया के नये महाप्रबंधक रंजय कुमार सिन्हा के सामने एरिया के उत्थान के लिए बनाये गये रोड मैप को मूर्त रूप देना चुनौती भरा कार्य होगा. कई नयी माइन प्लानिंग पर एरिया पिछले कई वर्षों से वर्क आउट कर रहा है. बंद पिछरी, अंगवाली व तारमी माइंस भी खुलना है. एएओडीसीएम व एसडीओसीएम का विस्तारीकरण होना है. अमलो में हाइवाल माइनिंग चालू होना है. बंद पिछरी माइंस को चालू करने के लिए आउटसोर्स का प्रपोजल बनाया जा रहा है. सीएमपीडीआइ ने इसका माइनिंग प्लान बना कर दे दिया है, जो जल्द ही एप्रुवल के लिए सीसीएल बोर्ड में जायेगा. 3-4 माह के अंदर इनवायरमेंट क्लीयरेंस भी मिल जायेगा, तब तक आउटसोर्स का भी प्रपोजल हो जायेगा. इस पैच में 27 लाख टन कोयला तथा 75 लाख घन मीटर टन ओबी है. शुरुआत में सालाना 3.4 लाख टन का उत्पादन का छोटा प्रपोजल बनाया जायेगा. इसके अलावा वर्षों से बंद अंगवाली माइंस को भी चालू करने के लिए पीआर बनायी जा रही है. इसमें भी फिलहाल छोटे पैच से उत्पादन शुरू होगा. इस माइंस में 18 लाख टन कोयला तथा करीब 30 लाख घन मीटर टन ओबी है. पिछरी माइंस के तर्ज पर इसका भी माइन प्लान बनाया जा रहा है. यहां की रैयती जमीन पर वर्षों पहले प्रबंधन 75 नौकरी देने का दावा प्रबंधन की ओर से किया जा रहा है. फिलहाल यहां के जिस जमीन पर कोयला खनन किया जाना है, उस जमीन पर विस्थापन समस्या नहीं है. इसे भी आउटसोर्सिंग मोड में चलाया जायेगा. अमलो परियोजना की ऑरिजनल पीआर सालाना पांच मिलियन टन की ढोरी एरिया के एएओडीसीएम (अमलो परियोजना) का ऑरिजनल पीआर सालाना पांच मिलियन टन की बनायी गयी है. यहां 100 मिलियन टन कोल रिजर्व है. इसमें पहले 15 मिलियन टन कोयला निकाला जा चुका है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में यहां से 36 लाख टन तथा 2025-26 में 50 लाख टन कोल प्रोडक्शन किया जायेगा. फिलहाल अमलो माइंस सालाना तीन मिलियन टन की है. इस वर्ष से 3.6 मिलियन का किया जायेगा. इसके बाद 4.5 मिलियन टन का मेन प्लान कुछ दिनों में सीसीएल बोर्ड से एप्रुव हो जायेगा. अमलो में चालू होगी सीसीएल की पहला हाइवॉल माइनिंग अमलो में सीसीएल की पहला हाइवाल माइनिंग चालू करने की दिशा में तेज गति से काम चल रहा है. नवंबर माह तक चालू होने की संभावना है. एएडीओसीएम की अमलो माइंस में लगने वाली हाइवाल माइनिंग से तीन साल में 13 लाख टन कोयला का उत्पादन होगा होगा. पहले साल तीन लाख टन तथा इसके बाद के वर्षों में 5-5 लाख टन कोल प्रोडक्शन होगा. एसडीओसीएम में आना है 35 मिलियन टन का नया प्रोजेक्ट ढोरी एरिया की एसडीओसीएम में 35 मिलियन टन का नया प्रोजेक्ट आयेगा, जो करीब 20 साल का होगा. फिलहाल यहां 756 हेक्टेयर की पीआर बन रही है, जो अंतिम चरण में है. इस वर्ष बोर्ड से इसका एप्रुवल मिल जायेगा. इसमें 46 मिलियन टन वाशरी ग्रेड-3 तथा जी-9 का कोल रिजर्व है. पुरानी तारमी, पुराना कल्याणी एवं तिसरी को मिला कर सालाना 2.7 लाख टन का यह कल्याणी एक्सपेंशन के नाम से माइंस होगा. ढोरी एरिया की बंद पिछरी, अंगवाली व तारमी ओसीपी को चालू करने की दिशा में काम शुरू होगा. एएओडीसीएम व एसडीओसीएम का विस्तारीकरण के कार्य को आगे बढ़ाया जायेगा. प्राथमिकता सुरक्षा के साथ कोयला उत्पादन करना और क्षेत्र का विकास करना है. एरिया के उत्थान के लिए पूर्व में जो रोड मैप बनाया गया है, उस दिशा में तीव्र गति से काम शुरू होगा. रंजय सिन्हा, जीएम, ढोरी एरिया
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